Short essay on Postman in Hindi : डाकिया (पोस्टमैन) अचानक साइकिल की घंटी बजती है। फिर आवाज आती है-'डाक ले लो' या 'पोस्टमैन' । इसके गले में एक थैला लटकता
रहता है । उसमें कार्ड, लिफाफे, अन्तर्देशीय पत्र, धनादेश (मनीआर्डर), पार्सल, रजिस्ट्री, समाचार-पत्र आदि भरे हुए होते
हैं।
5 Lines on Postman in Hindi for class 1,2,3,4,5,6
डाकिया अपने इलाके के सब लोगों के नाम जानता है। यह भी जानता है कि
कौन कहां रहता है।
बड़े डाकघर से पत्र आदि लेकर यह सवेरे ९ बजे चल पड़ता है। क्रमवार सबकी चिट्ठियां आदि बांटता हुआ यह फिर डाकघर चला जाता है।
बड़े डाकघर से पत्र आदि लेकर यह सवेरे ९ बजे चल पड़ता है। क्रमवार सबकी चिट्ठियां आदि बांटता हुआ यह फिर डाकघर चला जाता है।
गांव में डाक बांटने वाला गश्ती डाकिया कहलाता है।
यह डाकघर से चिट्ठियां आदि लेकर बाइसिकल पर या पैदल ही चल पड़ता है।
यह गांव के लोगों से अच्छा बर्ताव करता है। यह कई बार उन्हें चिट्ठियां पढ़कर भी सुना देता है।
यह डाकघर से चिट्ठियां आदि लेकर बाइसिकल पर या पैदल ही चल पड़ता है।
यह गांव के लोगों से अच्छा बर्ताव करता है। यह कई बार उन्हें चिट्ठियां पढ़कर भी सुना देता है।
आजकल बड़े शहरों में डाकिया दिन में दो बार और कहीं-कहीं तीन बार आता है। डाकिया वास्तव में जनता की बहुत सेवा करता है।
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