"Horse Essay (information) in Hindi"
घोड़ा एक शाकाहारी पशु है यह घास, भूसा और अनाज खाता है घोड़े को चना बहुत पसंद होता है जो इसकी शक्ति का प्रमुख स्रोत है यह मैदानों में हरी घास खाता है और अपने मालिक द्वारा दिया भोजन खाता है। घोड़ा बोझा ढोने, सवारी करने और गाड़ी खींचने के काम में आता है। प्राचीन समय में घोड़े ही मनुष्य के यातायात का साधन हुआ था। पुराने समय में घोड़ा लड़ाई के काम में भी बड़ा कम आता था कुछ देशों में घोड़ों से खेत जोतने का काम भी लिया जाता है।
घोड़े लगभग 5000 साल पहले मनुष्य ने पहली बार पालना शुरू किया था। अंग्रेजी में नर घोड़े को 'स्टेलियन' और मादा घोड़ी को 'मारे' कहते हैं। उसी तरह युवा घोड़ों को अंग्रेजी में 'Colt' और युवा घोड़ी को 'Filly' कहते हैं। घोड़े पूरी दुनिया में पाए जाते हैं। ये कई रंग और नस्ल के होते हैं यह एक शक्तिशाली जानवर है जो बिना रुके कई घंटो तक दौड़ सकता है। यह सिर्फ नाक से सांस लेते हैं, घोड़े ज्यादातर नाक से सांस लेते हैं वह मूंह से बहुत कम सांस लेते हैं। दुनिया में घोड़ों की 160 से भी अधिक नस्लें पायी जाती हैं इन सब में से अरबी घोड़े को बेहद ख़ास माना जाता है। घोड़े की औसतन उम्र 25 से 30 वर्ष तक होती है।
प्राचीनकाल में जब यातायात के साधनों का आविष्कार नहीं हुआ था। तब गधा, ऊंट, हाथी, घोड़े आदि जानवरों को ही परिवहन के लिए प्रयोग किया जाता था। इन सभी में सबसे उपयोगी और महत्वपूर्ण है घोड़ा, जो एक पालतू पशु भी है लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक घोड़ों से ही यात्रा करते थे क्योंकि ये उन दिनों के लिए यात्रा की सहज और सबसे तेज़ तरीका था। न केवल यात्रा के लिए बल्कि सामान इत्यादि को भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने में इनका प्रयोग होता था।
घोड़े की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती हैं संसारभर में जैसे पहाड़ी घोड़े, मध्य एशियाई घोड़े, अफ्रीकन घोड़े और अरबी घोड़े आदि। अरबी घोड़े अपनी ताकत, तेजी से और तेजी से दुनिया भर में जाने जाते हैं भारत के राजस्थान में पाया गया मेवाड़ी घोड़े भी अपनी शारीरिक रचना, दृढ़ता और समझदारी के लिए प्रसिद्ध हैं महाराणा प्रताप का प्रसिद्ध घोड़ा चेतक भी इसी नस्ल का था।
Essay on Horse in Hindi घोड़ा पर निबंध -
घोड़ा एक शाकाहारी जानवर है। एक घोड़ा अपने जीवन का ज्यादातर समय दौड़ कर और खड़े रहकर बिता देता है। घोड़े का प्रमुख्य भोजन हरा घास होता है। घोड़ा वफ़ादार जानवरों में गिना जाता है। घोड़े बिना रुके लम्बे समय तक तेज़ रफ़्तार से दौड़ सकते हैं। प्राचीन समयों से ही इनका मनुष्य के साथ गहरा सबंध रहा है।
पुराने समयों में राजा -महाराजे युद्ध में घोड़ों (Horses) का इस्तेमाल किया करते थे। सामान लाद कर एक जगह दूसरी जगह ले जाने के लिए एंव घोड़ सवारी की खेलों में घोड़ों का इस्तेमाल किया जाता है। इन के सुनने के शक्ति बहुत अधिक होती है
दुनिया में घोड़ों की 160 से भी अधिक नस्लें पायी जाती हैं इन सब में से अरबी घोड़े को बेहद ख़ास माना जाता है। घोड़े की औसतन उम्र 25 से 30 वर्ष तक होती है। घोड़े ज्यादातर नाक से सांस लेते हैं वह मूंह से बहुत कम सांस लेते हैं।
10 lines on horse in hindi
घोड़ा एक शाकाहारी पशु है यह घास, भूसा और अनाज खाता है घोड़े को चना बहुत पसंद होता है जो इसकी शक्ति का प्रमुख स्रोत है यह मैदानों में हरी घास खाता है और अपने मालिक द्वारा दिया भोजन खाता है।
ये बोझा ढोने, सवारी करने और गाड़ी खींचने के काम में आता है। प्राचीन समय में घोड़े ही मनुष्य के यातायात का साधन हुआ था। पुराने समय में घोड़ा लड़ाई के काम में भी बड़ा कम आता था कुछ देशों में घोड़ों से खेत जोतने का काम भी लिया जाता है।
घोड़े लगभग 5000 साल पहले मनुष्य ने पहली बार पालना शुरू किया था। अंग्रेजी में नर घोड़े को 'स्टेलियन' और मादा घोड़ी को 'मारे' कहते हैं। उसी तरह युवा घोड़ों को अंग्रेजी में 'Colt' और युवा घोड़ी को 'Filly' कहते हैं।
घोड़े पूरी दुनिया में पाए जाते हैं। ये कई रंग और नस्ल के होते हैं यह एक शक्तिशाली जानवर है जो बिना रुके कई घंटो तक दौड़ सकता है। यह सिर्फ नाक से सांस लेते हैं, घोड़े ज्यादातर नाक से सांस लेते हैं वह मूंह से बहुत कम सांस लेते हैं।
दुनिया में घोड़ों की 160 से भी अधिक नस्लें पायी जाती हैं इन सब में से अरबी घोड़े को बेहद ख़ास माना जाता है। घोड़े की औसतन उम्र 25 से 30 वर्ष तक होती है।
घोड़े की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती हैं संसारभर में जैसे पहाड़ी घोड़े, मध्य एशियाई घोड़े, अफ्रीकन घोड़े और अरबी घोड़े आदि।
अरबी घोड़े अपनी ताकत, तेजी से और तेजी से दुनिया भर में जाने जाते हैं भारत के राजस्थान में पाया गया मेवाड़ी घोड़े भी अपनी शारीरिक रचना, दृढ़ता और समझदारी के लिए प्रसिद्ध हैं महाराणा प्रताप का प्रसिद्ध घोड़ा चेतक भी इसी नस्ल का था।
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