Friday, February 21, 2020

Thirsty crow story in Hindi प्यासा कौवा की कहानी


Thirsty crow story in Hindi - प्यासा कौवा की कहानी 

एक कौवा था जिसे बड़े जोर की प्यास लगी थी वह जल की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था किंतु से कहीं भी पानी नहीं मिल रहा था वह काफी देर तक आसमान में मंडराता रहा किंतु वह थक हार कर एक वृक्ष पर बैठ गया।

वृक्ष पर बैठते ही उसकी नजर एक दूर घड़े पर पड़ी वह उसी समय उड़ते हुए उस घड़े के पास जा पहुंचा घड़े में देखा तो पानी बहुत कम था उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुंच रही थी उसने बहुत कोशिश की किंतु उसकी चोंच पानी तक ना पहुंच सकी वह फिर से निराश हो गया।
तभी उसकी नजर नजदीक पड़े छोटे-छोटे पत्थरों पर पड़ी उसने उन सभी पत्थरों को अपनी चोंच से उठाकर उस घड़े में डालना शुरू कर दिया। धीरे धीरे घड़े का पानी ऊपर आ गया और कौवे ने जी भर पानी पिया और वहां से उड़ गया।
शिक्षा - इस कहानी से हमें यही शिक्षा हासिल होती है कि जब हमारे मन में किसी चीज को प्राप्त करने की इच्छा पैदा हो जाती है तो वह अवश्य हमें हासिल होती है।

Thirsty crow story in Hindi


Pyasa Kauva ki Khanai – 2

गर्मी के दिन हुआ करते थे एक प्यासा कौवा पानी की तलाश में इधर-उधर उड़ रहा था किंतु उसे कहीं भी पानी नहीं मिल रहा था वह काफी देर तक का पानी की तलाश में उड़ता रहा अंत में थक गया ऊपर से तेज गर्मी की वजह से उसकी प्यास लगातार बढ़ती जा रही थी अब उसे महसूस होने जा रहा था कि यदि उसे कुछ देर में पानी नहीं मिला तो वह प्यास की वजह से मर जाएगा।
थका हारा प्यासा कौवा एक घर की छत पर जा बैठा वहां उसकी नजर एक कोने में रखे हुए मटके पर पड़ी मटके को देखते ही उसकी जान में जान आई अब उसे लगने लगा था कि वह पानी पी लेगा किंतु जब वह मटके के पास पहुंचा और उसके अंदर उसने जाकर देखा उस मटके में पानी बहुत कम था उसकी गर्दन पानी तक नहीं पहुंच रही थी अब उसे समझ में नहीं आ रहा था कि पानी अखर पिया कैसे जाए???

वह कुछ देर तक वहां सोचने लगा तभी उसकी नजर पास में पड़े  हुए कुछ कंकडो पर पड़ी और उसे एक उपाय सूझ गया उसने एक एक करके उन सभी कंकडो को उस मटके में डालना शुरू कर दिया कुछ ही देर में मटके का पानी ऊपर आ गया अब कौए की चोंच पानी तक पहुंच रही थी उसकी मेहनत रंग लाई थी। पानी पीते ही उसकी प्यास बुझ गई।
Moral - हमें इस कहानी से यही शिक्षा हासिल होती है कि कठिन परिस्थितियों में कभी भी अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए ऐसी कठिन परिस्थितियों में अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कर उस समस्या का निवारण करना चाहिए।


प्यासा कौवा हिंदी कहानी -3
प्राचीन समय की बात है कि एक घने जंगल में एक कौवा रहता रहा करता था एक दिन उसे बड़े जोर की प्यास लगी हुई थी वह पानी की तलाश में बहुत दूर-दूर तक उड़ता रहा किंतु से कहीं भी पानी नजर नहीं आया, जैसे-जैसे कौवा उड़ता रहा उसकी प्यास भी लगातार बढ़ रही थी, पानी की तलाश में कौवा इतना उड़ चुका था कि अब उसके और उड़ने की समर्थता नहीं रही थी वह बुरी तरह से थक चुका था।
थका हारा हुआ कौवा जैसे ही एक पेड़ पर पहुंचा वहां से उसे घड़ा दिखाई दिया वह घड़े को देखते ही उसके पास जा पहुंचा जिसमें बहुत थोड़ा सा पानी ही था जब प्यासे कौवे ने अपनी गर्दन को घड़े में डालना चाहा उसमें पानी बहुत कम था उसकी चोंच पानी तक नहीं जा सकी। वह एक बार फिर से निराश हो गया, वह बार-बार पानी तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था किंतु उसकी गर्दन पानी तक नहीं पहुंच रही थी।

अब कौवा पूरी तरह से बेचैन हो गया था तभी उसे एक उपाय सूझा उसने देखा कि उसके नजदीक छोटे छोटे पत्थरों का ढेर लगा पड़ा है उसने उन सभी पत्थरों को एकत्रित करके और एक-एक करके अपनी चोंच के द्वारा घड़े में तब तक छोटे छोटे पत्थरों को डालता गया जब तक पानी ऊपर नहीं आ गया जैसे ही पानी ऊपर आया प्यासे कौवे ने पानी पीकर अपनी प्यास को बुझाया इस तरह से एक प्यासे कौवे ने  अपनी मेहनत और सहनशीलता को दिखाते हुए अपनी प्यास को बुझाया और अपनी जान बचाई।

कहानी की शिक्षा - कहा जाता है कि जहां चाह होती है वहीं राह होता है यदि आपके अंदर किसी चीज को प्राप्त करने की चाहत है और आप उस चीज को प्राप्त करने के लिए मेहनत और सहनशीलता दिखाते हैं तो अवश्य ही वह चीज आपको हासिल होगी।


प्यासा कौवा कहानी - 4 

यह कहानी प्यासा कौवा से संबंधित है एक बार एक कौवे को बड़े जोर की प्यास लगी हुई थी किंतु से कहीं भी पानी नहीं मिल रहा था वह पानी की तलाश में किलोमीटर की दूरी तय कर चुका था किंतु फिर भी उसे पानी नहीं मिल पा रहा था ऊपर से तेज गर्मी लगातार बढ़ रही थी और उसकी प्यास को भी बढ़ा रही थी अब वह सोचने लगा था कि यदि उसे पानी नहीं मिला तो वह मर जाएगा इसलिए उसे शीघ्र ही पानी ढूंढना होगा एक बार फिर से वह पानी की तलाश में निकल पड़ा उड़ते - उड़ते  उसे दूर से एक पानी का घड़ा नजर आया वह तुरंत उस घड़े के पास जा पहुंचा किंतु देखने पर पता लगा कर घड़े में तो पानी बहुत कम था घड़े में बिल्कुल ही नीचे पानी था किंतु पानी इतना जरूर था कि वह कौवे की प्यास बुझा सकता था 
किंतु कौवा तो पानी तक नहीं पहुंच रहा था उसकी गर्दन और चोंच पानी तक नहीं पहुंच रही थी यह देखकर वह एक बार फिर से परेशान हो गया वह मटके पर बैठा इधर-उधर देख रहा था शायद किसी दूसरे बर्तन में पानी मिल जाए जा फिर कोई दूसरा ही घड़ा मिल जाए किंतु ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा था अब वह निराश होकर वहां से जाना ही चाहता था कि तभी उसकी नजर घड़े कि कुछ दूरी पर कंकड़ और पत्थरों के छोटे-छोटे टुकड़े पड़े हुए थे यह देखते ही कौवे के दिमाग में एक सुझाव आया बहे उड़ कर उन छोटे-छोटे कंकड़ और पत्थरों के पास जा पहुंचा और उसने अपनी चोंच के द्वारा उन छोटे- छोटे पत्थरों के टुकड़ों को घड़े में डालना शुरू कर दिया शीघ्र ही घड़े का पानी ऊपर आना शुरू हो गया अब कौवा बड़ी आसानी से उस पानी को पी सकता था उसने घड़े में अपनी चोंच को डाला और उसने जी भर कर पानी को पिया अब उसकी प्यास मिट चुकी थी अब वह  खुद को तरोताजा महसूस करने लगा था कुछ वक्त उसने वहां पर आराम किया और फिर भोजन की तलाश में दूसरी जगह चला गया।

शिक्षा - बच्चों इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है के युक्ति के द्वारा हम असंभव कार्य को भी आसानी से कर सकते हैं बस उस कार्य को करने कि हमारे अंदर हिम्मत और जोश होना चाहिए और उस कार्य को करने की चाहत भी होनी चाहिए।


प्यासा कौवा - 5 
एक समय की बात है कि एक प्यासा कौवा जल की तलाश में आकाश में इधर-उधर मंडरा रहा था और उसे पानी नहीं मिल रहा था काफी देर आसमान में उड़ने के पश्चात उसे एक घड़ा दिखाई दिया किंतु घड़े में तो बहुत कम जल था और कौवे से पानी भी नहीं पिया जा रहा था।

क्योंकि घड़े में पानी बहुत कम था घड़े में मौजूद पानी को देख कर उसकी प्यास और भी बढ़ चुकी थी किंतु वह किसी ना किसी तरह उसे घड़े का पानी पीना चाहता था पर अब वह करे तो करे क्या उसकी चोंच तो पानी तक नहीं पहुंच रही थी उसने पानी पीने की भरपूर कोशिश की किंतु वह पानी को नहीं पी सका अब वह वहां से निराश होकर उड़ना ही चाहता था कि उसकी नजर पास ही पड़े छोटे-छोटे कंकड़ पर पड़ी उसके दिमाग में एक सुझाव आया उसने छोटे-छोटे पत्थरों को घड़े में डालना शुरू कर दिया जल्दी ही घड़े का पानी ऊपर आने लगा अब प्यासा कौवा जल को आसानी से पी सकता था उसने जल्द ही पानी पीना शुरू कर दिया और अपनी प्यास को बुझाया और वहां से उड़ गया।

शिक्षा - यह कहानी से हमें शिक्षा हासिल होती है कि जिस तरह से इस प्यार से कोई नहीं कठिन परिस्थिति में भी हार नहीं मानी उसने अपना हौसले को ना हारते हुए अपने दिमाग का सही इस्तेमाल किया वही हमें भी चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों ना जाए हमें कभी भी घबराना नहीं चाहिए बल्कि उस कठिन परिस्थितियों का डटकर सामना करना चाहिए शेर कितनी भी बड़ी समस्या क्यों ना हो वह चुटकियों में ही निपट जाएगी।


प्यासा कौवा की कहानी - 6 

बड़े ज़ोर की गर्मी के दिन हुआ करते थे एक कौवा लगातार पानी की तलाश में इधर -उधर मंडरा रहा था क्योंकि उसे बड़े जोरों से प्यास लगी हुई थी और वह पानी की तलाश में भटक रहा था उड़ते -उड़ते उसे एक घर की छत पर एक घड़ा दिखाई दिया कौवे को लगा के अब वह जी भर पानी पिएगा वह तुरंत उस घड़े के पास जा पहुंचा पर इस घड़े में तो पानी बेहद थोडा था कौवे की चोंच तो पानी तक नहीं पहुँच रही थी वह जैसे ही पानी पीने की कोशिश करता उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुँच पा रही थी अब वह बुरी तरह से निराश हो चुका था पर उसने हिम्मत नहीं हारी.

उसने आपने आस -पास देखा के पानी को कैसे पीया जाए उसने आपने आस -पास बिखरे छोटे -छोटे पत्थर के टुकड़ों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया और एक -एक कर उन टुकड़ों को घड़े में डालना शुरू कर दिया घड़े में पत्थर डालने से घड़े का पानी उपर आ गया अब कौवा बड़ी आसानी से जल पी सकता था उसने पेट भर जल को पीया और वहां से उड़ान भर दी अब कौवा बहुत खुश था के कैसे उसने एक युक्ति के द्वारा घड़े के पानी को पीया

शिक्षा – यह कहानी हमारे लिए एक प्रेरणा का श्रोत है के कैसे हमें भी इस प्यासे कौवे की तरह कठिन समय में कभी भी घबराना नहीं चाहिए बल्कि कठिन समय का डट कर सामना करना चाहिए चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों ना हो हमें ऐसी परस्थितियों में अपने दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए

Thirsty crow story in Hindi एक कौवा बड़ा प्यास था प्यास उसे बड़ा व्याकुल कर रही थी पर उसे कहीं भी पानी नहीं मिल पा रहा था काफी मेहनत के बाद उसे पानी का एक मटका मिला जिसमें पाने बहुत कम था वह अपनी चोंच को पानी तक नहीं ले जा पा रहा था.
आखिरकार उसने युक्ति का प्रयोग करते हुए अपने आसपास बिखरे रोड़ों के टुकड़ों को मटके में डालना आरंभ कर दिया कुछ देर बाद पानी उपर आ गया कौवा पानी पीते ही वहां से उड़ गया

शिक्षा – युक्ति के द्वारा ही मुश्किलों पर काबू पाया जा सकता है, मुश्किलों से डरने की बजाय उनका डटकर सामना करना चाहिए कहते हैं जहां चाह होती है वहीँ राह होता है
बड़ी तेज़ गर्मी का दिन था एक कौवे को बड़ी प्यास लगी थी और उसके आस -पास पीने के लिए पानी भी नहीं था तभी कौआ पानी की तलाश करने लगा पानी काफी समय तक ढूंढने पर भी नहीं मिला


अचानक ही उसकी नज़र दूर पड़े एक मिट्टी के बर्तन पर पड़ी वह वहां से उड़कर उस बर्तन के पास जा पहुंचा जैसे ही कौआ पानी पीने लगा बर्तन में पानी तो बहुत ही थोड़ा था उपर से गर्मी के कारण कौआ का गला



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EssayOnline.in - इस ब्लॉग में हिंदी निबंध सरल शब्दों में प्रकाशित किये गए हैं और किये जांयेंगे इसके इलावा आप हिंदी में कविताएं ,कहानियां पढ़ सकते हैं

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