Wednesday, September 11, 2019

Short Essay on Bangles in Hindi | चूड़ियां पर निबंध

 चूड़ियां झनझनाती चूड़ियां ! अहा ! इनका नाम सुनते ही नन्हीं बालिकाएं खिल उठती हैं। कल तीजों का त्यौहार था। प्रभा की माता ने उसे बड़ी सुन्दर चूड़ियां पहनाई। नए वस्त्र तथा चूड़ियां पहने प्रभा भागी-भागी अपनी सखी ममता के घर दिखाने गई। वह भी लाल तथा हरे रंग की चूड़ियां पहने हुए थी।

Short Essay on Bangles in Hindi

फिर दोनों सहेलियां झूला झूलने लगी। चूड़ियों की मीठी झनझन पास खड़ी सभी सहेलियों के मन को मोह रही थी। सारी लड़कियां अपनी-अपनी चूड़ियों की सराहना कर रही थीं। फिर वे खेलने लगीं।
खेल-खेल में अन्नु ने नीलम की बांह पकड़ी कि उसकी कांच की चूड़ी टूट गई । नीलम की कलाई से लहू बहने लगा। सब छोटी बालिकाएं घबरा गई ।
एक बड़ी सेहेली ने समझाया कि घबराओ मत, अभी लहू बन्द हो जायेगा। जैसे फूट में कांटा होता है वैसे ही हंसी-खेल में यह कष्ट है। यह कोई बड़ी बात नहीं। चूड़ियां पहनने से टूट ही जाती हैं। उसने पानी मंगाकर लहू धो दिया और पट्टी बांध दी।
चूड़ियां प्लास्टिक, कांच, बिल्लौर, गेंडे, लोहे, चांदी, सोने आदि की बन। सोने की चूड़ी का मूल्य अधिक होता है
चूड़ियां विवाहित स्त्रियों के सुहाग की निशानी होती है

SHARE THIS

Author:

EssayOnline.in - इस ब्लॉग में हिंदी निबंध सरल शब्दों में प्रकाशित किये गए हैं और किये जांयेंगे इसके इलावा आप हिंदी में कविताएं ,कहानियां पढ़ सकते हैं

0 comments: