Essay on Importance of Sports
in Hindi
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खेलों का महत्व उछलते-कूदते हए हँसमुख बच्चों को जिसने देखा है, उसे पता है कि खेल क्या वस्तु
है। कवड्डी, मल्ल-युद्ध, गेंद-बल्ला, हॉकी, फुटबॉल, टेनिस, तैरना, दौड़ना, आंख-मिचौनी, वक्षों पर चढ़ना, गुल्ली-डण्डा आदि अनेक प्रकार
के खेल हैं। खेलों से व्यायाम और मनोरंजन दोनों साथ-साथ होते हैं। जिसका मन कहीं
पर भी एकाग्र नहीं होता, उसका मन
खेलों में पूरी तरह लग जाता है। खिलाड़ी अपने आपको भी भूल जाता है।
खेलने वाला व्यक्ति जितनी देर खेलता है उतनी देर के लिए वह संसार के सारे झंझटों
को भूल जाता है, वह निक
हो जाता है, इसलिए
उसके स्वास्थ्य में बड़ी उन्नति होती है। उसका मन सदा प्रसन्न रहने लगता है। उसका
स्वभाव मघर बन जाता है। उसमें फुर्ती आ जाती है। इसलिए सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों
को विशेष प्राथमिकता दी जाती है। कई अच्छे खिलाड़ी तो केवल खिलाड़ीपन के नाते ही
नौकरियां पा जाते हैं।
खेलना बालक-बालिकाओं को सबसे अधिक प्रिय होता है।
कितनी भी भूख लगी
हो, कितना ही
आवश्यक कार्य हो, वे खेल
को कभी न छोड़ेंगे। माता-पिता पुकारते-पुकारते थक जाते हैं, पर वे आने का नाम तक नहीं लेते।
कई विद्यार्थी खेल को पढ़ाई में बाधक समझते हैं। परन्तु यह उनकी भूल है। खेल से
बिल्कुल विमुख रहने वाले पुस्तकों के कीड़े विद्यार्थी अपने स्वास्थ्य से हाथ धो
बैठते हैं । सदा खेलों में ही व्यस्त रहना अच्छा नहीं, पर शरीर में स्फूर्ति उत्पन्न
करने के लिए तथा मस्तिष्क को ताजा करने के लिए नियमपूर्वक थोड़ा-सा खेलना बहत
आवश्यक है।
जिस जाति के लोग खेलों की महत्ता को समझते हैं और नियमपूर्वक खेलते
हैं उस जाति के लोग पुरुषार्थी होते हैं । वे दिन-भर काम करते हए थकते नहीं। उनकी
आयु लम्बी होती है । क्योंकि वे प्रतिदिन खेल-कदकर ताजा हो जाते हैं । यूरोपीय
जातियां प्रतिदिन खेलना अपना मुख्य कर्तव्य समझती है, यहा कारण है कि वे इतनी उन्नत
हैं। भारतवासी भी बड़े माने हुए खिलाड़ी हुमा करते थे, पर एक समय ऐसा आया, जब उपयोगी कार्य को केवल बच्चों
के ऊपर छोड़कर स्वय।
बच्चों के ऊपर छोड़कर स्वयं दिन-रात व्यापार-धन्धे आदि में फंस गए, इसलिए उनकी अवनति हो गई। पर अब
वे फिर से सचेत हुए हैं और खेलों में पूरा भाग। लेने लगे हैं। हॉकी, क्रिकेट, कबड्डी, मल्लयुद्ध और तैराकी इनमें भारत
के खिलाड़ी सारे संसार में अग्रणी खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। अन्य खेलों में
भी वे अब खूब भाग लेने लगे हैं।
खेलों का सबसे बढ़कर लाभ यह है कि उनसे लोगों में बांकापन, उदारता और सहनशीलता आदि गुण
बढ़ते हैं। ये गुण नैतिक, सामाजिक
और राजनीतिक उन्नति के लिए बहुत आवश्यक हैं। बाँके खिलाड़ियों, सहनशील नेताओं, वीर सैनिकों और ईमानदार
कार्यकर्ताओं से देश आगे ही आगे बढ़ता जाता हैं।
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