5 Sentences about Ostrich in Hindi - दुनिया के सबसे बड़े आकार और तेज रफ्तार से दौड़ने वाले पक्षी शुतुरमुर्ग के
बारे में प्रचलित धारणा निराधार है कि शिकारी को सामने देखकर बेवकूफ शुतुरमुर्ग रेत में गर्दन छुपा लेता है बल्कि
शुतुरमुर्ग तो एक समझदार पक्षी है यह मिथक शायद शुतुरमुर्ग के भारी-भरकम शरीर के
कारण बना जिसका अर्थ है वह है कि शुतुरमुर्ग पक्षी जगत का इतना विशाल पक्षी है कि
उसका छिपना असंभव है
5 Lines on Ostrich in Hindi for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10th students
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शुतुरमुर्ग की ऊंचाई 8 से 10 फीट तथा वजन डेढ़ सौ किलोग्राम तक होता है
यह पक्षी उड़ नहीं सकता लेकिन वह 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ जरूर सकता है वह एक्टिव पक्षी 10 घंटे लगाकर बिना थके चल सकता है।
यह पक्षी उड़ नहीं सकता लेकिन वह 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ जरूर सकता है वह एक्टिव पक्षी 10 घंटे लगाकर बिना थके चल सकता है।
संसार की सबसे बड़ी पक्षी शुतुरमुर्ग का अंडा भी सबसे बड़ा होता है डेढ़ से 2 किलोग्राम तक हो सकता है
प्राणी शास्त्रीय और पक्षी विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण अफ्रीका में शुतुरमुर्ग को भेड़ों के रेवाड़ा की निगरानी के लिए एक गडरिया की भांति प्रशिक्षित किया जाता है
जब भेड़ें चरने जाती है तो शुतुरमुर्ग उन्हें कंट्रोल करने के लिए साथ चलते हैं घर वापसी तक का वह रेवड़ का पूरा ख्याल रखते हैं इस दरमियान कोई भेड़ अनुशासन भंग करती है तो वह उसे चोट मारकर उसका दंड भी तुरंत देते हैं।
दिलचस्प बात यह भी है कि बहुधा एक नर शुतुरमुर्ग के साथ दो-तीन मादा शुतुरमुर्ग रहती है नर सुतुरमुर्ग मैदान में मिट्टी खोदकर खड्डा नुमा घोंसला बनाता है जिसमें मादा शुतुरमुर्ग अंडे देती है।
प्राणी शास्त्रीय और पक्षी विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण अफ्रीका में शुतुरमुर्ग को भेड़ों के रेवाड़ा की निगरानी के लिए एक गडरिया की भांति प्रशिक्षित किया जाता है
जब भेड़ें चरने जाती है तो शुतुरमुर्ग उन्हें कंट्रोल करने के लिए साथ चलते हैं घर वापसी तक का वह रेवड़ का पूरा ख्याल रखते हैं इस दरमियान कोई भेड़ अनुशासन भंग करती है तो वह उसे चोट मारकर उसका दंड भी तुरंत देते हैं।
दिलचस्प बात यह भी है कि बहुधा एक नर शुतुरमुर्ग के साथ दो-तीन मादा शुतुरमुर्ग रहती है नर सुतुरमुर्ग मैदान में मिट्टी खोदकर खड्डा नुमा घोंसला बनाता है जिसमें मादा शुतुरमुर्ग अंडे देती है।
शुतुरमुर्ग की पीठ काली और हल्के ग्रे स्लेटी रंग की होती है
वहीं गर्दन और पैरों का हल्का भूरा मिट्टी रेत के समान रंग होता है शुतुरमुर्ग जहां पहले यूरोप , एशिया अफ्रीका में पाया जाता था अब अफ्रीका में कालाहारी मरुस्थल तक ही सिमट कर रह गया है विभिन्न वनस्पतियों को खाने वाला यह सर्वाहारी पक्षी भोजन में कीड़े - मकोड़े , छिपकली , चिड़िया , चूहे आदि आवश्यकता अनुसार खा लेता है
अपने भोजन को पचाने के लिए शुतुरमुर्ग अन्य पक्षियों की भांति कंकड़ भी नियमित रूप से निगल लेता है शुतुरमुर्ग की औसत आयु 30 से 40 साल तक होती है पिछले 12 सालों में इस पक्षी की संख्या में तेजी से गिरावट आई है जो पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
वहीं गर्दन और पैरों का हल्का भूरा मिट्टी रेत के समान रंग होता है शुतुरमुर्ग जहां पहले यूरोप , एशिया अफ्रीका में पाया जाता था अब अफ्रीका में कालाहारी मरुस्थल तक ही सिमट कर रह गया है विभिन्न वनस्पतियों को खाने वाला यह सर्वाहारी पक्षी भोजन में कीड़े - मकोड़े , छिपकली , चिड़िया , चूहे आदि आवश्यकता अनुसार खा लेता है
अपने भोजन को पचाने के लिए शुतुरमुर्ग अन्य पक्षियों की भांति कंकड़ भी नियमित रूप से निगल लेता है शुतुरमुर्ग की औसत आयु 30 से 40 साल तक होती है पिछले 12 सालों में इस पक्षी की संख्या में तेजी से गिरावट आई है जो पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
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