10 sentences about Tiger in Hindi - बाघ को जंगल का राजा भी कहा जाता है वह अपने देश के समृद्ध जीवन को दर्शाता है शक्ति और फुर्ती इसकी पहचान है। सौ वर्ष पहले दुनिया में करीव एक एक लाख बाघ थे वह तुर्की से लेकर दक्षिण पूर्वी एशिया तक फैले थे। लेकिन आज दुनियाभर के जंगलों में सिर्फ तीन से चार हज़ार बाघ ही बचे हैं, इनमें से सबसे अधिक बाघ भारत के जंगलों में पाए जाते हैं। बाघों की 9 उपप्रजातियां लुप्त हो चुकी हैं। बाघों की कम होती संख्या को देखते हुए भारत में बाघों को बचाने के लिए प्रोजेक्ट टाइगर शुर किया गया और वर्ष 1973 में बंगाल टाइगर को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया। इससे पहले शेर हमारे देश का राष्ट्रीय पशु था।
10 Lines on Tiger in Hindi for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10th students
10 Lines on Tiger in Hindi for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10th students
- बाघ बिल्ली प्रजाति का बड़ा जानवर है .
- यह एक मांसाहारी जानवर है
- यह जंगलों में पाया जाता है
- बाघ भारत देश का राष्ट्रीय पशु है
- बाघ की दहाड़ काफी दूर तक सुनी जा सकती है
- यह जानवर 65 किलोमीटर प्रति घंटे ई रफ़्तार से दौड़ सकता है
- हर साल 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाया जाता है
- इसकी आयु 10 से 15 वर्ष के बीच होती है
- इसके शरीर पर काले रंग की धारियां होती हैं
- इसका वजन 300 किलोग्राम तक होता है
Short essay on Tiger in Hindi
पिछले कुछ वर्षों में बाघों की संख्या वृद्धि भारत की विविधता के बेहतर होने का प्रमाण हैं यह दिखाता है के हम जलवायु परवर्तन को लेकर गंभीर हैं किन्तु अभी हमें इसकेलिए और काम करने की जरूरत है देश में बाघों की संख्या सन 2011 में जहां 1706 थी वहीँ यह 2014 में बढ़कर 2226 हो गयी दुनिया के 70 फीसदी बाघ हमारे देश में रहते हैं। जिस संख्या में पिछले चार वर्षों में वृद्धि हुई है।
अपने देश में खतरे में पड़ी प्रजातियों के संरक्षण के लिए वर्ष 1972 में वाइल्ड लाइफ प्रोजेक्ट लाया गया इसके 2 वर्ष बाद यानि 1974 में कार्बेट नेशनल पार्क के साथ बाघ प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई कॉर्बेट समेत 9 टाइगर रिज़र्व बनाये गए किन्तु टाइगर के संरक्षण के लिए इतना सब कुछ काफी नहीं था हालांकि के अब देशभर में 50 टाइगर रिज़र्व हैं।
बाघ बिल्ली प्रजाति का सबसे बड़ा जानवर है एक व्यस्क बाघ का वजन 300 किलोग्राम तक हो सकता है एक शोध के अनुसार एक बाघ केवल 26 वर्षों तक जीवित रह पाता है। बाघ एक शिकारी जीव है जैसे तेज़ पंजे, ताकतवर पैर , बड़े व नुकीले दांत और ताकतवर जबड़े एक साथ काम करते हैं। बाघों को बहुत ज्यादा भोजन की जरूरत पड़ती है बाघ को एक दिन में 40 किलोग्राम तक मांस की जरूरत पड़ती है
दुनिया में बाघ की केवल 8 प्रजातियां हुआ करती थीं किन्तु अब सिर्फ 5 प्रजातियां हे बचीं हैं इसकी तीन प्रजातियों की 9 उपप्रजातियां विलुप्त हो चुकीं हैं। पांच प्रजातियों में से रॉयल बंगाल टाइगर, साइबेरियन, मलायन टाइगर, इंडो -चाइनीस और सुमात्रा प्रजाति के टाइगर बचे हैं। जबकि बाली, जावा की प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं।
2010 में रूस के सेंट पीटरस्बर्ग में हुए बाघ सम्मेलन में 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे मनाने का निर्णय लिया गया इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था 2022 तक बाघों की दोगुनी बढ़ोतरी करने का लक्ष्य रखा। बाघ जंगल के स्वास्थ्य एवं शाकाहारी वन्य प्राणियों की उपलब्धता दरसाते हैं जहां जंगल अच्छा होगा वहां बाघ होगा।
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