Saturday, March 30, 2019

Swine Flu in Hindi | स्वाइन फ्लू क्या , लक्षण , सावधानियां और उपचार


Swine Flu in Hindi | स्वाइन फ्लू क्या , लक्षण , सावधानियां और उपचार 

स्वाइन फ्लू एक संक्रमण बीमारी होती है जो एक इंसान से दूसरे इंसान को लग जाती है जब कोई स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीज छींकता है तो उसके आसपास खड़े व्यक्तियों को भी यह संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है इस फ्लू के वायरस दूसरों में प्रवेश कर जाते हैं इसीलिए स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति से हमेशा दूरी बनाकर रखें और अपने मुंह पर रुमाल या फिर मास्क जरूर पहने।


About Swine Flu in Hindi and its symptoms , causes and treatment
स्वाइन फ्लू बाला इंसान जब छींकता है और वह छींकते समय अपना हाथ मुंह पर रखकर नाक को ढक लेता है तो इससे यह वायरस उसके हाथों में चिपक जाते हैं और जब वह व्यक्ति किसी भी चीज को छूता है जैसे दरवाजा , खिड़की , कीबोर्ड मोबाइल इत्यादि तो यह वायरस उसके हाथों से इन चीजों पर चिपक जाते हैं इसके बाद यहीं वायरस फिर किसी अन्य इंसान केहाथों लग जाते हैं और उसके शरीर में भी दाखिल हो जाते हैं। इसलिए यह वायरस बड़ी जल्दी एक दूसरे के संपर्क में आने से दूसरों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। इस बीमारी के दौरान कुछ सावधानियां रखकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं और दूसरों को भी इस वायरस के फैलने से बचाया जा सकता है।
अब हम आपको बताने जा रहे हैं किस तरह आप इस virus से सावधानी रख सकते हैं ता जो दूसरों से आपके शरीर में दाखिला न हो सके। चलिए जानते हैं वह कौन से कारण है जिन्हें अपनाकर आप इस वायरस की चपेट से आने से बच सकते हैं
हमेशा छींकते वक्त मुंह पर टिशु पेपर रखें यह टिशु पेपर हमें बार-बार इस्तेमाल में नहीं लाना चाहिए इसलिए इसका एक बार इस्तेमाल करने के बाद इसे फौरन  बिना किसी दूसरे के संपर्क में आने से पहले इसे कचरे के डिब्बे में फेंक देना चाहिए।
  • अपने हाथों को निरंतर सावन इत्यादि से धोते रहे अपने घर के दरवाजों और दरवाजों के हैंडल , कीबोर्ड में जा फोन आदि हमेशा साफ करते रहे यदि हमें जो लक्षण दिखाई देने लगे तो इससे आप दूसरों के नजदीक जाने से बचें क्योंकि यह virus आपसे दूसरों को भी हो सकता है।
  • ऐसी स्थिति में लगातार पानी पीते रहना चाहिए आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए।
  • यदि आपको स्वाइन फ्लू की समस्या है तो घर से निकल रहे हो तो आपको फेसमास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलना चाहिए।
स्वाइन फ्लू के प्रमुख लक्षण इस प्रकार होते हैं : Swine flu symptoms in Hindi
  • यदि आपको कई दिनों से तेज बुखार आ रहा है तो ये स्वाइन फ्लू का लक्षण हो सकता है
  • इसी दौरान तेज ठंड लगना
  • कई दिनों से गले में खराश होना जा गले का खराब होना इसका लक्षण हो सकता है
  • मांसपेशियों में दर्द होना
  • हमेशा खांसते रहना और खांसते समय खून का आना इसका लक्षण होता है।
  • शरीर में कमजोरी महसूस होना किसी काम को करने में दिल ना लगना और जोड़ों में दर्द होना इस वायरस के प्रमुख लक्षण होते हैं।
कितनी हद तक खतरनाक होता है स्वाइन फ्लू :
1.    स्वाइन फ्लू का संक्रमण दो तरह का होता है एक साधारण फ्लु दूसरा गंभीर स्वाइन फ्लू
  • इस प्रकार का संक्रमण ज्यादा खतरनाक नहीं होता इसमें सिर्फ गले में हल्की सी खराश होने लगती है और मासपेशियों में हल्का सा दर्द भी महसूस होता है इसके अलावा बुखार भी आ सकता है किंतु यह दो-तीन दिनों में बिना दवा के भी ठीक हो जाता है।
  • दूसरी तरफ गंभीर फ्लू आम से ज्यादा खतरनाक होता है इसके असर से किडनी और फेफड़े दोनों प्रभावित होने लगते हैं इसी कारण इसे गंभीर अवस्था का फ्लू भी कहा जाता है। इस दौरान मरीज को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है रक्तचाप कम होने लगता है।
  • स्वाइन फ्लू के संक्रमण का पता स्वाइन फ्लू स्वास द्वारा इसके बारे में पता लगाया जा सकता है इसके लिए मरीज के गले के स्वास और नाक के द्रव्य को सैंपल के तौर पर टेस्ट किया जाता है।
स्वाइन फ्लू से कैसे बचा जा सकता है : swine flu treatment in Hindi
यदि स्वाइन फ्लू के होने से पहले या फिर बाद में यदि सावधानी रखी जाए तो इस संक्रमण से बचा जा सकता है स्वाइन फ्लू होने पर घबराना नहीं चाहिए क्योंकि इसका इलाज संभव है स्वाइन फ्लू होने पर गले में खराश होने लगती है शरीर में दर्द होता है बुखार भी होने लगता है इसके अलावा जे किडनी और फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि जब खांसी जा छींक आने लगे तो अपना मूंह और नाक साफ नाक से ढक लेना चाहिए ता जो इसका वायरस और दूसरी जगह पर ना फैल सके। स्वाइन फ्लू से प्रभावित मरीज जब किसी वस्तु को छूता है तो उसका वायरस उस वस्तु में फैल जाता है और इसके बाद जब कोई स्वस्थ इंसान उस वस्तु को छूता है तो उसका वायरस उस व्यक्ति में भी चला जाता है जिस कारण यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में दाखिल हो जाता है। ऐसे में भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसी जगहों पर फ्लु का ज्यादा खतरा रहता है अगर जाना भी पड़े तो मास्क पहनकर ही बाहर निकलना चाहिए। यदि आपको स्वाइन फ्लू से संबंधित अपने शरीर में कोई आशंका लग रही हो तो तुरंत नजदीक के अस्पताल में डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
स्वाइन फ्लू से संबंधित कुछ अन्य सावधानियां : swine flu precautions in Hindi
  • स्वाइन फ्लू होने पर अपने मुंह और नाक को मास्क से ढक कर रखें ता जो  वायरस दूसरों तक ना पहुंच सके किंतु यदि आपको किसी दूसरे से इस संक्रमण होने का खतरा दिख रहा हो तो खुद ही अपना मुंह और नाक ढक लेना चाहिए।
  • अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धोना चाहिए और जितना ज्यादा हो सके भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए।
स्वाइन फ्लू कैसे फैलता है ? खांसते और छींकते वक्त अपना मुंह में रुमाल से अवश्य ढक लेना चाहिए। इससे नाक और मुंह से निकलने वाले स्वाइन फ्लू के वायरस बाहर नहीं जाएंगे जिससे इन के फैलने का खतरा बहुत कम होगा और जो दूसरे लोगों को भी प्रभावित नहीं करेंगे। इस वक्त में स्वाइन फ्लू से प्रभावित मरीज को डावल सर्जिकल मास्क पहनने को दें ताकि वह आसपास रहने वाले लोगों को इसके संक्रमण होने का खतरा कम किया जा सके। बिना किसी डॉक्टर की सलाह के दवाई नहीं लेनी चाहिए। इस दौरान खूब पानी पीना चाहिए और पोस्टिक भोजन भी लेना चाहिए और इससे प्रभावित रोगी को मौसमी फल जरूर खाने चाहिए।
किन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है स्वाइन फ्लू :
स्वाइन फ्लू का सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को होता है जिनकी उम्र मात्र 5 साल तक होती है उन्हें ज्यादा स्वाइन फ्लू होने का खतरा रहता है इसके अलावा जो 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग हैं उन्हें भी इसके होने का खतरा ज्यादा रहता है किंतु ये वायरस 20 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों में भी देखा गया है। जिन लोगों की प्रतिरोधी क्षमता बहुत कम होती है उन्हें यह वायरस सबसे ज्यादा प्रभावित करता है चाहे फिर वह बच्चा हो या फिर जवान। इसके अलावा जे संक्रमण अस्थमा के रोगियों को हृदय के रोगियों को डायबिटीज के रोगियों को और लीवर की बीमारी से पीड़ित रोगियों और गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है क्योंकि इन सभी लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिस कारण यह ऐसे लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।

नाक का लगातार बहते रहना छींके आना। सिर में दर्द रहना और ज्यादा थकान महसूस करना कई दिनों से बुखार चढ़ना और गले में लगातार खराब होते रहना इस वायरस की प्रमुख निशानियां होती है। इसीलिए ऐसी स्थिति में हमें सावधान रहने की जरूरत होती है।

स्वाइन फ्लू का संक्रमण होने पर इसके लिए 2 दिनों के अंदर एंटीवायरल देना बेहद जरूरी हो जाता है यह एंटीवायरल देने पर मरीज काफी अच्छा महसूस करने लगता है और इस वायरस के बढ़ने का खतरा भी कम हो जाता है और इसे उसी वक्त रोका जा सकता है। स्वाइन फ्लू के संक्रमण के फैलने का सबसे अधिक खतरा ठंड के दिनों में होता है पर गर्मियों के मौसम में इसका असर कम देखने को मिलता है। इसके अलावा बारिश के दिनों में भी इस संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है एक रिपोर्ट के मुताबिक बारिश के दिनों में यह फ्लू दो से तीन गुना अधिक तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे हालातों में सेहत का ख्याल रखना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। स्वाइन फ्लू आज से कुछ वर्ष पूर्व केवल जानवरों में पाया जाता था जैसे के सूअर किन्तु धीरे धीरे इसने मानव जाति को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया हर वर्ष हजारों की संख्या में इस घातक संक्रमण की वजय से लोगों की मौत हो जाती है 

सरकार के द्वारा भी इस संक्रमण को रोकने के लिए कई कदम उठाये गए ता जो इस वायरस को खत्म किया जा सके किन्तु ज्यादातर लोगों में जागरूकता की कमी की वजय से लोग अक्सर इस संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं, इसीलिए स्वाइन फ्लू को रोकने के लिए दवाओं से ज्यादा सावधानी रखने की ज्यादा जरूरत होती है कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है

कैसे होता है स्वाइन फ्लू : जैसे के वर्षा के दिनों में इस संक्रमण के बढने का खतरा सबसे अधिक हो जाता है इसीलिए वर्षा के दिनों में यदि आपको खांसी , बुखार जा फिर गले में खराश होने लगे और वह 2 से लेकर 3 दिनों तक ठीक न होने लगे तो आपको तुरंत स्वाइन फ्लू यानि के h1n1 का टेस्ट करवाना चाहिए, स्वाइन फ्लू उन लोगों को सबसे अधिक होता है जिन लोगों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है अर्थात जिनके शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बेहद कम होती है इसके इलावा पहले से बीमार चल रहे और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा होने का खतरा होता है और यदि घर में किसी मेम्बर को यह संक्रमण हो गया हो तो उस मरीज को हमेशा मास्क पहनना चाहिए और समय समय पर अपने हाथ हैण्डवाश से धोते रहना चाहिए ता जो घर के बाकी मेम्बरों को इस virus की चपेट में आने बचाया जा सके .


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