Saturday, March 30, 2019

Poverty speech in Hindi | बढ़ती गरीबी पर भाषण

Poverty speech in Hindi | बढ़ती गरीबी पर भाषण

यूं तो गरीबों के लिए तमाम सरकार समय-समय पर जो योजनाएं बनाती रहती हैं गरीबी दूर करने के भरसक प्रयास करने आश्वासन भी देती है परंतु ऐसा क्या है कि इतनी चिंता योजनाओं , प्रयासों के बावजूद भी गरीबी दूर होने का नाम ही नहीं लेती तमाम योजनाएं जो गरीबों को समाज की मुख्यधारा में लाने को बनाई जाती है इन योजनाओं तक गरीब नहीं पहुंच पाते या योजनाएं गरीबों तक नहीं पहुंच पाती है या फिर योजनाओं को लागू करने वालों की अनदेखी के चलते जी बीच राह में ही दम तोड़ देती है।

जो भी हो इतना तो तय है कि गरीबी एक अभिशाप है यातना है बेबसी है और एक लाचारी है गरीबी हटाओ का नारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था देश को आजाद हुए 71 साल पूरे गए इस बीच एक पीढ़ी बूढ़ी हो गई दूसरी पीढ़ी तरक्की की राह पर है और तीसरी और नई पीढ़ी में भविष्य को लेकर अनगिनत स्वप्न है परंतु बावजूद इन सबके देश से गरीबी नहीं हटी बल्कि गरीब ही मर रहा है। अस्तित्व में आते ही सरकार गरीबों और गरीबी पर योजनाएं वह लंबे व्याख्यान देती है परंतु यह सब अखबारों समाचार चैनलों की सुर्खियां ही बन पाती है असलियत में स्थिति जस की तस। सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि आखिर गरीब की थाली में बचा ही क्या है दूध और फल जैसे जरूरी खाद्य पदार्थ वर्षों पहले ही गायब है बची - खुची दाल और सब्जी के दामों ने थाली का स्वाद बिगाड़ दिया है ऐसे में जो शख्स दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पाता वह शिक्षा चिकित्सा जैसी जरूरी और बुनियादी चीजें कहां से लाएगा और अगर शिक्षा से ही वंचित होना पड़ेगा तो देश विकास के रास्ते पर कैसे अग्रसर होगा।

देश में भुखमरी , लाचारी क्यों है सिर्फ प्रति व्यक्ति आय वाले विकास दर के बढ़ जाने से तो गरीबी दूर नहीं हो जाएगी अमीर और गरीब के बीच की खाई दिन प्रतिदिन चौड़ी और गहरी होती जा रही है जब तक इस खाई को पाटा नहीं जाएगा तब तक यह सोचना भी संभव नहीं है कि देश से गरीबी दूर हो जाए। शिक्षा भोजन चिकित्सा रहने को आशियाना जे कुछ बुनियादी चीजें हैं जिनकी जरूरत प्रत्येक नागरिक को है सरकारों को चाहिए कि वह ऐसी व्यवस्था बनाए जिसके तहत तमाम योजनाएं जो सरकारें समय-समय पर गरीबों के कल्याण के लिए बनाती है वह योजनाएं सचमुच जरूरतमंदों तक पहुंचे जे गरीब सिर्फ और सिर्फ मतदाता बन कर ना रह जाए जिसका ध्यान 5 वर्ष में एक बार चुनाव के समय ही आए तमाम संसाधनों सुविधाओं पर गरीब का भी हक है यह सिर्फ अपमान देर इनको नहीं बने हैं।

SHARE THIS

Author:

EssayOnline.in - इस ब्लॉग में हिंदी निबंध सरल शब्दों में प्रकाशित किये गए हैं और किये जांयेंगे इसके इलावा आप हिंदी में कविताएं ,कहानियां पढ़ सकते हैं

0 comments: