5 sentences about Koyla in Hindi - Koyal एक चतुर पक्षी समझा जाता है क्योंकि कोयल अपने अंडे खुद नहीं सेती बल्कि यह अण्डों को कौए के घोंसले में सेती है और कौए को पता तक नहीं चलता के यह कोयल के अंडे हैं वे उन्हें अपने अंडे समझकर सेता है जन्म के समय कौवा और कोयल के बच्चे एक समान नजर आते हैं जिससे कौवे को पता तक नहीं चलता और बच्चे बड़े होने पर उड़ जाते हैं।
5 Lines on Koyal in Hindi for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10th students
कोयल भारत के सुंदर पक्षियों में से एक है यह पक्षी ज्यादातर अपनी मीठी आवाज़ के लिए जाना जाता है।
इसे भारत में कुक्कू भी कहा जाता है।
पांडिचेरी और झारखंड प्रदेश का इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया है।
कोयल अपनी मीठी आवाज़ के लिए तो जाना ही जाता है
कोयल की संसारभर में 100 से भी ज्यादा प्रजातियां पायी जाती हैं
Few Lines Cuckoo Bird in Hindi
इन पक्षियों की शरीरक सरंचना , शरीर का रंग , आकार तथा आदतें और उनके व्यवहार में काफी विभिन्नता पायी जाती है। कोयल की ऐसी बहुत सारी प्रजातियां हैं जो प्रवासी होती हैं और काफी लम्बी -लम्बी यात्राएं भी करती हैं।
मादा कोयल अपने एक प्रजनन काल में 15 से लेकर 20 अंडे देती है किन्तु यह दुसरे पक्षी के घोंसले में सिर्फ एक ही अंडा देती है दूसरा अंडा देने के लिए यह दुसरे पक्षी का घोंसला ढूंढती है यह काम उस वक्त तक चलता रहता है जब तक अंडे देने का काम खत्म नहीं हो जाता है।
भारत में कोयल उतरी भागों में देखा जा सकता है पर सर्दियों के मौसम में यह दक्षिण दिशा की तरफ चली जाती है क्योंकि यह ज्यादा सर्दी का मौसम सहन नहीं कर पाती है। कुक्कू पक्षी कौवे से थोड़ी छोटी होती है पूंछ के साथ कुक्कू की लम्बाई ढेढ़ फीट तक हो सकती है इसके इलावा नर का रंग मादा की अपेक्षा ज्यादा काला होता है और मादा कोयल का रंग थोडा भूरा सा होता है और दोनों की आंखें हल्के से भूरे रंग में होती हैं।
कोयल को फलों के पेड़ पर ज्यादातर देखा जा सकता है क्योंकि इसे फल खाना बहुत अच्छा लगता है ज्यादातर इसे आम फल बहुत पसंद होता है। अक्सर लोग वही फल खाना पसंद करते हैं जो कुक्कू के द्वारा खाया गया हो क्योंकि इसे मीठे फल खाना पसंद होता है।
फ़रवरी से जून के महीनों का समय भारत में आम के पेड़ों पर भूर आने का होता इन दिनों आप पेड़ों पर मीठी कुक्कू - कुक्कू को जरूर सुन सकते हैं यह समय कोयल के परिवार बढ़ाने के भी होता है जिससे वह अपने नर साथी को अपनी मीठी आवाज़ से पुकारती है।
0 comments: