Monday, March 18, 2019

Essay on Blood Donation in Hindi - खूनदान पर निबंध

Essay on Blood Donation in Hindi - खूनदान पर निबंध 

खून मानव जीवन का आधार है। इसीलिए खून दान करना पुन्य का काम माना जाता है और इसे सबसे महान काम भी माना जाता है क्योंकि खूनदान करने से हम किसी की जिन्दगी बचाते हैं। खून तैयार नहीं किया जा सकता है यह सिर्फ मानव शरीर से ही प्राप्त किया जा सकता है। पहली वार खूनदान दिवस 1 अक्टूबर 1975 को इंडियन सोसाइटी ऑफ़ ब्लड ट्रांसफ्यूजन और इम्यनुहीमेटेलोजी द्वारा मनाया गया था, इसकी स्थापना 22 अक्टूबर सन 1971 में डा जे. जी. बओयेंट के द्वारा की गयी थी।

हर मानव के खून का एक ग्रुप होता है जिसके बारे में हर किसी को ज्ञात होना जरूरी है। ब्लड ग्रुप का सबसे पहले पता अमेरिका के जीव वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टेनर ने किया था जो एक ऑस्ट्रिया के एक जाने -माने डॉक्टर थे। सन 1901 में उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में कड़ी मेहनत करते हुए ब्लड के ए , बी और ओ ग्रुप्स की खोज की। न्युजोर्क के एक अस्पताल माउंट सिनाटे में पहली वार 1907 को ब्लड का अदान -प्रदान किया गया था।

खून का प्लाज्मा ज्यादातर चौबीस घंटों में पूरा हो जाता है ब्लड के साथ लाल सेल (Red Cells) तीन से लेकर पांच सप्ताहों में पुन: बन जाते हैं और खून का आयरन छे से लेकर आठ सप्ताहों में अपने प्रथम स्तर पर आ जाता है।

एक बार ब्लड डोनेशन अर्थात खूनदान करने से अगला खूनदान 9 से लेकर 12 सप्ताहों के बीच किया जा सकता है। यह समय भिन्न -भिन्न देशों में अलग -अलग है। खून दान करने से पुरुषों में दिल की बिमारी के खतरे को कम किया जा सकता है औ खून के रेड सेल्स में वृद्धि करता है। अधिक आयु वाले व्यक्ति जो लगातार ब्लड डोनेट करते हैं देखा गया है वह खूनदान के पश्चात ताजगी महसूस करते हैं।

दान किया गया खून तीन जिंदगियों को बचा सकता है जरूरतमंदों और मरीजों के लिए ब्लड की बड़ी कमी होने के कारण भिन्न -भिन्न संस्थाएं खूनदान को बहुत उत्साहित करती हैं अपनी इच्छा से ब्लड डोनेट के प्रति आम जनता की अज्ञानता , भ्रम और डर को दूर भगाने के लिए इस दिन को बड़े स्तर पर मनाना बहुत बड़ी जरूरत बन गया है।

आओ हम सभी आज यह प्रण लेते हैं  के हम भी ब्लड डोनेट (खूनदान) करके मानवता के सेवा में जुट जाएं।



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