Essay on water pollution in Hindi | जल प्रदूषण पर निबंध
रोज़मर्रा के कार्यों में हम जल का इस्तेमाल करते हैं, जैसे – कपड़े धोना, नहाना, खाना - बनाना, खेतों को पानी देना आदि कार्यों मे करते हैं। पानी के बिना पृथ्वी पर कोई भी प्राणी एवं मनुष्य कोई भी जिंदा नहीं रह सकता है।
जल की खोज में आज मानव चाँद से लेकर दुसरे ग्रहों में इसे ढूंढने में लगा हुआ है, ताकि धरती पर मंडराते जल के खतरे को दूर किया जा सके और इन ग्रहों पर भी जीवन को सम्भव किया जा सके। मानव शरीर को कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा जैसे तत्वों की आवश्यकता पड़ती। जल में यह सभी तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा पानी हमारे शरीर का तापमान सामान्य बनाये रखने में मदद करता है। लेकिन जल मनुष्य के लिए इतना महत्वपूर्ण है यह जानते हुए भी आज मनुष्य इसे दूषित करने पर तुला हुआ है।
जल प्रदूषण के कारण – Causes of water pollution
बढ़ती हुई जनसंख्या की वजय से जल दिन प्रतिदिन प्रदूषित किया जा रहा है। रासायनिक और अवांछित पदार्थ शुद्ध जल में प्रतिदिन घुलकर जल की गुडवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं। फलसरूप पानी को प्रदूषित एवं बर्बाद किया जा रहा है।यहां “जल” कुदरत की देन है वहीं आज हालात ये हो गए हैं कि बड़े बड़े शहरों जैसे – दिल्ली, कोलकत्ता , मुम्बई आदि में जल को खरीद कर पीना पड़ता है। इसके अलावा गंगा नदी को भारत की सबसे पवित्र नदियों में से माना गया है, किन्तु आज यह नदी पूरी तरह से जल प्रदूषण का शिकार हो चुकी है। सिर्फ गंगा ही नही बल्कि भारत की बाकी नदियां भी जल प्रदूषण से प्रभावित हो गई हैं।
हमारी पृथ्वी पर पर्याप्त जल है, किन्तु ताज़े पानी का सिर्फ एक प्रतिशत ही है। यह जल भी बड़ी तेज़ी से बर्बाद जा फिर प्रदूषित किया जा रहा हैं।
जल प्रदूषण के कारण –
- कूड़ा करकट समुन्द्रों में फेंकने से।
- औधोगिक कचरे को नदियां एवं समुन्द्रों में डालने से जल तेज़ी से प्रदूषित हो रहा है।
- दूषित तेलों आदि का शुद्ध जल में मिलना।
- शौचालय आदि के पानी को शुद्ध जल में छोड़ने से।
- भूमिगत भंडारों के लीक होने से जल प्रदूषण बढ़ रहा है।
जल प्रदूषण को कम करने के उपाय
- जल प्रदूषण पर लगाम पाने के लिए औद्योगिक कारखानों में से निकलने वाले कूड़ा - करकट, रसायन को सीधा पानी में विसर्जित नही करना चाहिये। इसको लेकर ओधोगिक कारखानों पर कड़ी कारवाई करनी चाहिए।
- खेतो आदि में इस्तेमाल किए जाने वाले खाद पदार्थों एवं रसायनों को समुन्द्रों और नदियों में जाने से रोकना चाहिये।
- जल के नजदीक की जगहों को साफ़ रखें और वहां कूड़ा – करकट जमा न होने दें।
- नदी एवं तालाब आदि में कूड़ा नहीं फेंकना चाहिए।
- चीज़ों को रीसाइक्लिंग करने की आदत डालें।
जल प्रदूषण पर निबंध:
परिचय: जल जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारे जीवन की सभी गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है, चाहे वह पीने के लिए हो या कृषि, उद्योग, जलवायु नियंत्रण आदि के लिए। हालाँकि, आधुनिक जीवन शैली और तकनीकी विकास के परिणामस्वरूप, जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गया है।
जल प्रदूषण के कारण: जल प्रदूषण के पीछे कई कारण हो सकते हैं। औद्योगीकरण, शहरीकरण, विभिन्न जल परिवहन उपकरणों का उपयोग, कृषि में अधिक कीटनाशकों और रसायनों का उपयोग, अव्यवस्थित और अस्वास्थ्यकर शौचालय प्रणाली आदि सभी जल प्रदूषण के मुख्य कारण हैं।
प्रदूषित जल के प्रभाव: जल प्रदूषण के कारण जल की गुणवत्ता में कमी आती है, जिससे पीने का पानी अशुद्ध हो जाता है और बीमारियाँ फैलती हैं। जल प्रदूषण से समुद्रों, नदियों और झीलों का जल स्तर भी बढ़ जाता है, जिससे तटीय क्षेत्रों में बाढ़, जलवायु परिवर्तन और जलवायु संकट पैदा होता है।
निवारक उपाय:
1. जन जागरूकता: जल प्रदूषण के प्रभावों के प्रति आम जनता को जागरूक करना आवश्यक है।
2. रसायनों का सही उपयोग: कृषि में कीटनाशकों और रसायनों का विवेकपूर्ण उपयोग किया जाना चाहिए।
3. बंद पड़े ट्यूबवेलों का जीर्णोद्धार: बंद पड़े ट्यूबवेलों का पुनर्निर्माण कर जल संचयन किया जाना चाहिए।
4. स्वच्छता और निगरानी: पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जल स्रोतों की स्वच्छता और निगरानी आवश्यक है।
5. उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण: उद्योगों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए।
6. जल संरक्षण के उपाय: वृक्षारोपण, जल संचयन, जल संरक्षण के उपायों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष: जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जिसका समाधान हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। हमें पानी बचाने की जरूरत है
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