About Lotus Flower in Hindi - भारत का राष्ट्रीय फूल है कमल का फूल है यह बड़ा ही सुंदर और आकर्षित होता है जिसका व्यास 1 मीटर से लेकर 3 मीटर तक होता है जो आमतौर पर जलाशयों तालाबों और झीलों वादी में खिलता है। जेके सा फूल है जो हमेशा कीचड़ में ही उगता और खिलता है। भारत का राष्ट्रीय फूल होने के कारण जय भारत में सबसे ज्यादा पाया जाता है किंतु आग जयपुर विदेशों में भी देखने को मिलता है। इस फूल को पवित्रता और कोमलता का प्रतीक माना गया है कमल के पौधे के पत्ते गोलाकार और बड़े होते हैं और इसका रंग चमकीला होता है। कमल का फूल सिर्फ दो ही रंगों में पाया जाता है गुलाबी रंग और सफेद रंग।
कमल के फूल को धन का प्रतीक माना जाता है क्योंकि जयपुर लक्ष्मी माता का फूल माना गया है कमल पर ब्रह्माजी के साथ साथ सरस्वती देवी बी विद्यमान रहती है जिसका ले स्कूल को ज्ञान की देवी का प्रतीक भी माना गया है। भारतीय संस्कृति में कमल के फूल को खास स्थान दिया गया है और इस फूल को शुभ फूल भी माना गया है। कमल का फूल मुख्य रूप से मार्च महीने से लेकर अगस्त महीने तक का खिलता है। कमल का फूल सूर्यदय के साथ खिलने लगता है और दिन भर खिला रहता है और जब सूर्य अस्त होने लगता है तुझे धीरे-धीरे मुरझाने लगता है। जयपुर मुख्य रूप से 3 दिनों तक का खिला रहता है जबकि इसके बाद इसकी पंखुड़ी धीरे-धीरे पानी में गिरने लगती है। कमल के फूल की पंखुड़ी बहुत ही कोमल सी होती है। कमल के फूल से हमें शिक्षा मिलती है कि जह कीचड़ में रहकर भी अपनी सुंदरता को बनाए रखता है।
कमल के पौधे और फूल को पूजा के कार्य में इस्तेमाल किया जाता है मंदिर में कमल के फूल का चढ़ावा चढ़ाया जाता है । इसके अलावा इस फूल का प्रयोग सजावट करने के लिए भी किया जाता है इसके अलावा कमल के पौधे के विभिन्न हिस्सों का इस्तेमाल भी अलग-अलग कामों में किया जाता है कमल के पौधे से बहुत सारी औषधियां तैयार की जाती है जो कई तरह की खतरनाक बीमारियों को दूर करने के लिए फायदेमंद होते हैं। कमला के पौधे की पत्तियां त्वचा संबंधी रोगों को दूर करने के लिए काफी फायदेमंद होती है। कमल के फूल का शहद आंखों के लिए बड़ा ही गुणकारी माना गया है।
कमल के पौधे की ऊंचाई तकरीबन 49 इंच तक होती है और इसका पौधा का ऐसा होता है जिसके पत्तों पर कभी पानी नहीं टिकता। इसके फूल की पंखुड़ियां बड़ी कोमल होती है। कमल के फूल को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इस फूल को हमारी संस्कृति और कला का हिस्सा माना गया है। यह फूल कीचड़ में खिलने के कारण इसे कोई भी व्यक्ति आसानी से तोड़ नहीं पाता। भारत में कमल के फूलों की खेती भी की जाती है। गुलाबी रंग का कमल का फूल भारत का राष्ट्रीय फूल है। कमल का फूल इतना सुंदर मनमोहक का और बहुत जोगी होने के कारण इसे राष्ट्रीय फूल का दर्जा दिया गया है।
10 Lines about Lotus Flower in Hindi
- कमल के फूल को लोटिस भी कहा जाता है।
- गुलाबी और सफेद रंगों के अलावा बैंगनी रंग के फूल भी पाए जाते हैं।
- इस फूल को लेकर एक कहावत बोली जाती है कि कीचड़ में ही कमल का फूल खिलता है।
- भारतीय संस्कृति में इस फूल को पवित्र और शुभा माना गया है।
- भारत में कमल के फूल का धंधा बड़े पैमाने पर किया जाता है।
- इसके फूल की पत्तियां गोल और आकार में बड़ी होती है।
- कमल के फूल की पत्तियां चिकनी होती है जिस कारण इसकी पत्तियों पर पानी नहीं टिकता।
- कमल के फूल का उपयोग कई प्रकार की औषधियां प्यार करने के लिए किया जाता है इसके अलावा मंत्रों और शादी समारोहों में भी इसके फूल का प्रयोग किया जाता है।
- इस फूल को संस्कृत भाषा में पदम पुष्प भी कहा जाता है।
- कमल के पौधे की जड़ का भी औषधीय गुणों वाली होती है।
- कमल के पौधे के बीज भूरे रंग के होते हैं।
- माता लक्ष्मी देवी कमल के पुष्प पर विराजमान रहती है इसके अलावा पुष्प ब्रह्मा जी का आसन भी है।
लोटस फ्लावर ज्यादातर तालाबों तथा कीचड़ में उगाया जाता है संसार भर में इस फूल की बहुत सारी किस्म उगाई जाती है। जो बड़ी ही सुंदर और आकर्षक होती है। भारत में बहुत सारे स्थानों पर इस फूल की खेती की जाती है। कमल का फूल भारत के अलावा जापान , इराक , अमेरिका , पाकिस्तान आदि देशों में भी उगाया जाता है।
कमल के पौधे पर एक सुंदर फूल तो खिलता ही है इसके अलावा यह एक औषधि पौधा होता है जिसका इस्तेमाल कई तरह के रोगों की दवाओं को तैयार करने में किया जाता है इस पौधे के सभी अंग दवाइयां तैयार करने में प्रयोग किए जाते हैं जैसे इसकी पत्तियां , पौधे का फूल , सूखे हुए फूल , बीज इत्यादि से सभी प्रकार की औषधियां तैयार होती है।
कमल के पौधे का व्यास 1 मीटर से 3 मीटर तक होता है और पत्तियां गोल और बड़ी होती हैं कमल की पत्तियों का कुछ भाग पानी में डूबा होता है और कुछ भाग पानी के बाहर दिखाई देता है। कमल (Lotus) के पौधों पर मार्च के शुरू में अगस्त के अंत तक फूल खिलते रहते हैं और सुर्युदय के साथ खिलता है और दिनभर खिला ही रहता है और सूर्यास्त के समय फूल मुरझा सा जाता है।
कमल का फूल (Lotus Flower) सिर्फ तीन दिनों तक ही खिलता है तथा तीन दिन में सभी पंखुडियां एक एक कर पानी में गिरनी शुरू हो जाती है। केवल फूल के बीच का भाग ही पानी के बाहर निकला हुआ सा रह जाता है। कमल फूल की एक पंखुड़ी में 20 से लेकर 80 तक पंखुडियां होती हैं ये पंखुडियां कई पंक्तियाँ में होती हैं। प्राचीन समय में राजा-महाराजा अपने बालों को काला रखने के लिए कमल के फूल का प्रयोग किया करते थे। इस फूल का विशेष महत्व इसीलिए है क्योंकि यह कीचड़ में रहते हुए भी अपनी सुंदरता को बनाए रखता है। कमल में लक्ष्मी देवी का का वास माना गया है इसीलिए इस का पूजा अर्चना में विशेष महत्व रहता है।
कमल के फूल की बहुत सारी पंखुडियां होती हैं। इसके पत्ते पानी के उपर तैरते रहते हैं। कमल के पत्ते चिकने और चमकीले होते हैं। कमल के बीज हल्के रंग के होते हैं किन्तु यह सूखने के बाद गहरे काले रंग के हो जाते हैं। कमल एक औषधीय उपयोगी पौधा है इसकी पत्तियों का रस डायरिया के रोगियों के लिए बड़ा ही उपयोगी रहता है इसके इलावा कमल की पत्तियां त्वचा रोग में गुणकारी मानी जाती हैं।
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