Tuesday, September 15, 2020

Essay on Taj Mahal in Hindi ताजमहल पर निबंध

 ताजमहल का नाम दुनिया भर के सात अजूबों में लिया जाता है। ताजमहल एक ऐतिहासिक इमारत है। यह इमारत आगरा में स्थित है। ताजमहल को प्रेम का प्रतीक माना जाता है ताजमहल को शाहजहां के द्वारा अपनी पत्नी मुमताज की याद में इसका निर्माण करवाया गया था।

Essay on Taj Mahal in Hindi ताजमहल पर निबंध 


ताजमहल पूरे विश्व की प्रसिद्ध इमारत है हजारों की संख्या में लोग रोजाना इस भव्य इमारत को देखने के लिए पहुंचते हैं। भारत के अलावा अन्य देशों से बी टूरिस्ट इस स्थान को देखने के लिए आते हैं। रोजाना बड़ी संख्या में ताजमहल पर लोगों का तांता लगा रहता है। हर कोई इस इतिहासिक इमारत को नजदीक से देखना चाहता है।

ताजमहल का निर्माण : 1631 सभी के दौरान महान सम्राट शाहजहां के द्वारा अपनी प्रेमिका बेगम मुमताज की याद में करवाया गया था। क्योंकि शाहजहां अपनी बेगम से बेपनाह प्रेम करता था बहुत से एक पल के लिए भी दूर नहीं होना चाहता था। किंतु अचानक उनकी बीमारी के चलते बेगम मुमताज की मृत्यु हो गई।

ताजमहल का निर्माण संगमरमर से करवाया गया था इसकी पूरी इमारत संगमरमर से निर्मित है हर तरफ संगमरमर ही नजर आता है। संगमरमर से बनी जिस दीवार बड़ी ही सुंदर दिखाई देती है। जिस कारण बड़ी संख्या में लोग इस इमारत को देखने के लिए पहुंचते हैं।

Essay on Taj Mahal in Hindi


लगभग 20,000 मजदूरों की कड़ी मेहनत के द्वारा ईसा ताजमहल का निर्माण किया गया था। वहां लगे मजदूरों ने दिन-रात मेहनत के द्वारा इस इमारत का निर्माण किया। ऐसा भी माना जाता है कि जैसे कारीगर ने ताजमहल का निर्माण किया था बाद में उसके हाथ काट दिए गए थे क्योंकि शाहजहां चाहता था कि दुनिया भर में ऐसी दूसरी कोई इमारत ना बन सके।

ताजमहल के चारों तरफ चारमीनार ए बनी हुई है। ताज महल की छत पर देखने पर प्रतीत होता है एक तरफा जमुना का जल बहता है और दूसरी तरफ आगरा का पूरा शहर दिखाई देता है।
ताजमहल के बीच एक कक्ष में मुमताज और शाहजहां की कब्र बनी हुई। क्योंकि शाहजहां की मृत्यु के पश्चात उसकी खबर भी उसकी बेगम के साथ बना दी गई थी। ताजमहल की सभी दीवारों पर कुरान की कलाकृति भी प्रदर्शित की गई है उस पर कुरान भाषा में शब्दावली की गई है।

ताजमहल का निर्माण पूरा होते-होते तकरीबन 20 वर्षों का समय लग गया था ताजमहल आगरा फोर्ट से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में इस भव्य इमारत की शोभा देखने योग्य हो जाती है। ताजमहल आज के समय में भी विदेशी पर्यटकों का आकर्षण केंद्र बना हुआ है।


ताजमहल एक ऐतिहासिक इमारत है जो भारत कि आगरा शहर में स्थित है जी बड़ी ही भव्य इमारतों में से एक है जिसे सात अजूबों में शामिल किया गया है इसका निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया था इसे बनाने में तकरीबन 20 साल का समय लग गया था और तकरीबन लाखों मजदूरों की कड़ी मेहनत के द्वारा इसका निर्माण किया गया था।

इस भव्य इमारतों के नजदीक कई सुंदर पेड़ पौधे इसकी सुंदरता को और भी बढ़ा देते हैं इसके चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है लगभग हजारों की संख्या में रोजाना पर्यटक इस भव्य मार्च को देखने के लिए पहुंचते हैं।

भारत के अलावा विदेशों से भी ताजमहल को देखने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं क्योंकि इसकी सुंदरता दूर-दूर से पर्यटकों को अपनी तरफ खींच लेती है। हर कोई ताजमहल को देखना चाहता है।

कारण - ताजमहल को बनाने का मुख्य कारण था कि उस वक्त का एक राजा था जिसका नाम था शाहजहां वह अपनी पत्नी ममता से बेहद प्रेम करता था अचानक उसकी पत्नी मुमताज की हालत बेहद खराब हो जाती है अंत उसकी मृत्यु हो जाती है और शाहजहां उसकी मौत के गहरे सोग में चला जाता है। उससे यह बर्दाश्त नहीं हो पाता।

अंत में उसकी याद में एक भव्य इमारत को बनाने का फैसला लेता है। इस भव्य इमारत को बनाने में वह बहुत सारा धन खर्च कर देता है। आप इसी बात से अंदाजा लगा लीजिए कि इस ताजमहल को बनाने में तकरीबन 20 वर्षों का समय लगा था और इस 20 वर्षों में कितने धन खर्च किया गया होगा।

उस वक्त शाहजहां ने इस भव्य मार्च को निर्माण के लिए देश और विदेश से कई कार्यक्रमों को बुलाया था और बहुत सारे इन कारीगरों में से उन्होंने कुछ विशेष कार्य कर ही चुने थे इस ताजमहल को बनाने के लिए काफी लंबे वक्त के पश्चात ताजमहल का निर्माण हुआ।

इतिहासकारों के अनुसार शाहजहां अक्षरा अपने महल से अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल को निहारते रहते थे उसके महल के पीछे ही ताजमहल का निर्माण करवाया गया था इस कारण ताजमहल के निर्माण के साथ ही शाहजहां और उसकी बेगम मुमताज की जय प्रेम कहानी पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध हुई आजकल हम जब भी किसी प्रेमी जोड़े की बात करें तो शाहजहां और उसकी बेगम मुमताज की बात को अक्सर सुनते हुए देखा जा सकता है।

शाहजहां के द्वारा अपनी पत्नी की याद में इस भव्य इमारत का निर्माण करवाया गया था जो देश और विदेश में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुआ जिसे दुनिया भर के सात अजूबों में भी शामिल कर लिया गया शाहजहां की मृत्यु के पश्चात उसे अपनी बेगम मुमताज की खबर के साथ ही दफनाया गया था आज भी शाहजहां और मुमताज की प्रेम कहानी पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है आज दुनिया भर से कई लोग इस ताजमहल को देखने के लिए पहुंचते हैं।

ताजमहल एक ऐतिहासिक इमारत है जो बाहर था कि आगरा शहर में स्थित है जी बड़ी ही भव्य इमारतों में से एक है जिसे सात अजूबों में शामिल किया गया है इसका निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया था इसे बनाने में तकरीबन 20 साल का समय लग गया था और तकरीबन लाखों मजदूरों की कड़ी मेहनत के द्वारा इसका निर्माण किया गया था।

इस भव्य इमारतों के नजदीक कई सुंदर पेड़ पौधे इसकी सुंदरता को और भी बढ़ा देते हैं इसके चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है लगभग हजारों की संख्या में रोजाना पर्यटक इस भव्य मार्च को देखने के लिए पहुंचते हैं।

भारत के अलावा विदेशों से भी ताजमहल को देखने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं क्योंकि इसकी सुंदरता दूर-दूर से पर्यटकों को अपनी तरफ खींच लेती है। हर कोई ताजमहल को देखना चाहता है।

ताजमहल को बनाने का मुख्य कारण था कि उस वक्त का एक राजा था जिसका नाम था शाहजहां वह अपनी पत्नी ममता से बेहद प्रेम करता था अचानक उसकी पत्नी मुमताज की हालत बेहद खराब हो जाती है अंत उसकी मृत्यु हो जाती है और शाहजहां उसकी मौत के गहरे सोग में चला जाता है। उससे यह बर्दाश्त नहीं हो पाता।

अंत में उसकी याद में एक भव्य इमारत को बनाने का फैसला लेता है। इस भव्य इमारत को बनाने में वह बहुत सारा धन खर्च कर देता है। आप इसी बात से अंदाजा लगा लीजिए कि इस ताजमहल को बनाने में तकरीबन 20 वर्षों का समय लगा था और इस 20 वर्षों में कितने धन खर्च किया गया होगा।

उस वक्त शाहजहां ने इस भव्य मार्च को निर्माण के लिए देश और विदेश से कई कार्यक्रमों को बुलाया था और बहुत सारे इन कारीगरों में से उन्होंने कुछ विशेष कार्य कर ही चुने थे इस ताजमहल को बनाने के लिए काफी लंबे वक्त के पश्चात ताजमहल का निर्माण हुआ।

इतिहासकारों के अनुसार शाहजहां अक्षरा अपने महल से अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल को निहारते रहते थे उसके महल के पीछे ही ताजमहल का निर्माण करवाया गया था इस कारण ताजमहल के निर्माण के साथ ही शाहजहां और उसकी बेगम मुमताज की जय प्रेम कहानी पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध हुई आजकल हम जब भी किसी प्रेमी जोड़े की बात करें तो शाहजहां और उसकी बेगम मुमताज की बात को अक्सर सुनते हुए देखा जा सकता है।

पत्नी  की याद में : हजहां के द्वारा अपनी पत्नी की याद में इस भव्य इमारत का निर्माण करवाया गया था जो देश और विदेश में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुआ जिसे दुनिया भर के सात अजूबों में भी शामिल कर लिया गया शाहजहां की मृत्यु के पश्चात उसे अपनी बेगम मुमताज की खबर के साथ ही दफनाया गया था आज भी शाहजहां और मुमताज की प्रेम कहानी पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है आज दुनिया भर से कई लोग इस ताजमहल को देखने के लिए पहुंचते हैं।


इतिहासिक : ताजमहल एक ऐतिहासिक इमारत है जो बाहर था कि आगरा शहर में स्थित है जी बड़ी ही भव्य इमारतों में से एक है जिसे सात अजूबों में शामिल किया गया है इसका निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया था इसे बनाने में तकरीबन 20 साल का समय लग गया था और तकरीबन लाखों मजदूरों की कड़ी मेहनत के द्वारा इसका निर्माण किया गया था।

इस भव्य इमारतों के नजदीक कई सुंदर पेड़ पौधे इसकी सुंदरता को और भी बढ़ा देते हैं इसके चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है लगभग हजारों की संख्या में रोजाना पर्यटक इस भव्य मार्च को देखने के लिए पहुंचते हैं।

भारत के अलावा विदेशों से भी ताजमहल को देखने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं क्योंकि इसकी सुंदरता दूर-दूर से पर्यटकों को अपनी तरफ खींच लेती है। हर कोई ताजमहल को देखना चाहता है।

ताजमहल को बनाने का मुख्य कारण था कि उस वक्त का एक राजा था जिसका नाम था शाहजहां वह अपनी पत्नी ममता से बेहद प्रेम करता था अचानक उसकी पत्नी मुमताज की हालत बेहद खराब हो जाती है अंत उसकी मृत्यु हो जाती है और शाहजहां उसकी मौत के गहरे सोग में चला जाता है। उससे यह बर्दाश्त नहीं हो पाता।

अंत में उसकी याद में एक भव्य इमारत को बनाने का फैसला लेता है। इस भव्य इमारत को बनाने में वह बहुत सारा धन खर्च कर देता है। आप इसी बात से अंदाजा लगा लीजिए कि इस ताजमहल को बनाने में तकरीबन 20 वर्षों का समय लगा था और इस 20 वर्षों में कितने धन खर्च किया गया होगा।

उस वक्त शाहजहां ने इस भव्य मार्च को निर्माण के लिए देश और विदेश से कई कार्यक्रमों को बुलाया था और बहुत सारे इन कारीगरों में से उन्होंने कुछ विशेष कार्य कर ही चुने थे इस ताजमहल को बनाने के लिए काफी लंबे वक्त के पश्चात ताजमहल का निर्माण हुआ।

इतिहासकारों के अनुसार शाहजहां अक्षरा अपने महल से अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल को निहारते रहते थे उसके महल के पीछे ही ताजमहल का निर्माण करवाया गया था इस कारण ताजमहल के निर्माण के साथ ही शाहजहां और उसकी बेगम मुमताज की जय प्रेम कहानी पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध हुई आजकल हम जब भी किसी प्रेमी जोड़े की बात करें तो शाहजहां और उसकी बेगम मुमताज की बात को अक्सर सुनते हुए देखा जा सकता है।

शाहजहां के द्वारा अपनी पत्नी की याद में इस भव्य इमारत का निर्माण करवाया गया था जो देश और विदेश में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुआ जिसे दुनिया भर के सात अजूबों में भी शामिल कर लिया गया शाहजहां की मृत्यु के पश्चात उसे अपनी बेगम मुमताज की खबर के साथ ही दफनाया गया था आज भी शाहजहां और मुमताज की प्रेम कहानी पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है आज दुनिया भर से कई लोग इस ताजमहल को देखने के लिए पहुंचते हैं।

ताजमहल का मुख्य गुंबद तकरीबन 60 फीट ऊंचा और 80 फीट तक चौड़ा है ताजमहल में फव्वारे किसी पाइप से नहीं जुड़े हुए बल्कि हर फव्वारे के नीचे दबाव पड़ने पर फव्वारे चलने लगते हैं।

जो कारीगर ताजमहल को निर्माण करने के लिए चुना गया था उसका नाम अहमद लाहौरी था जिसे इराक से चुना गया था किंतु इसके बावजूद भी शाहजहां के द्वारा बहुत सारी कारीगरों को बनाया गया था किंतु उनमें से अहमद लाहौरी को ही इस भव्य इमारत का निर्माण करने के लिए चुन लिया गया था क्योंकि उसकी कलाकृति दुनियाभर में प्रसिद्ध थी।

ताजमहल का निर्माण करते समय उसकी नींव मैं एक विशेष तरह की लकड़ी का प्रयोग किया गया था। दिन के समय ताजमहल को देखने पर इसका रंग गुलाल गुलाबी दिखाई देता है किंतु शाम के वक्त इसका रंग दूधिया सफेद हो जाता है और रात्रि के समय इसका रंग सुनहरा दिखाई देता है।


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