Wednesday, March 13, 2019

Computer ka Mahatva essay in Hindi | कंप्यूटर के महत्व पर निबंध


कंप्यूटर के महत्व पर निबंध – Computer ka Mahatva essay in Hindi 


हम सब जानते हैं कि कंप्यूटर और इंसान के दिमाग में सबसे बड़ा फर्क जे है कि कंप्यूटर इंसानी दिमाग की तरह सोच नहीं सकता चीजों को खुद से पहचान नहीं सकता भावनाओं को पहचानने की क्षमता नहीं होती इसलिए ही शायद इंसान के दिमाग में को सबसे बड़ा कंप्यूटर कहा जाता है जो आसानी से नई चीजों को सीख लेता है विषय वस्तु की पहचान कर लेता है आवाज को पहचान देता है और किसी भी निर्णय जा एक्शन लेने के लिए तुरंत जवाब देता है। मगर अब क्या कहें अब तो लगता है कि कंप्यूटर और इंसान के बीच के फर्क भी ज्यादा वर्षों तक का रहने वाला नहीं है।

कंप्यूटर की दुनिया में कितनी दिलचस्प है जब से यह बना है तब से किसी को चैन से सोने ही नहीं देता और ना ही आने वाले समय में सोने देगा चाहे इसको ऑपरेट करने वाले मुझ जैसे आम लोग हो जाओ फिर इसके विशेषज्ञ विज्ञानी का क्योंकि जब से यह बना है तब से हर क्षेत्र में इस के बढ़ते प्रयोग के कारण हर दिन नई नई रिसर्च जन्म लेती है जिन का सिलसिला आने वाली कई सालों तक भी खत्म होने वाला नहीं है।

कंप्यूटर के प्रयोग को इतना आम और दिलचस्प बनाने में दो ही चीजों का विशेष योगदान है एक तो है हार्डवेयर आज के समय में कंप्यूटर के प्रयोग से संबंधित नए-नए हार्डवेयर विकसित हो रहे हैं। चाहे वह हाई स्पीड प्रोसेसर हो जाए फिर बढ़ती मेमोरी की रैम शिप चिप जा हार्ड डिस्क जा फिर आंय चिप जो मदरबोर्ड से चिपकी रहती है ऐसे चिपकी रहती है जैसे कोई छोटा बच्चा अपनी मां का साथ नहीं छोड़ता। सच में यह मदरबोर्ड मां है इनकी जो इतनी सारी चीज का ध्यान रखती है और तकनीकी भाषा में हम इन चिपों को रजिस्टर ट्रांजिस्टर आदि भी कह सकते हैं।

दूसरा जो बड़ा योगदान है वह है अनेक प्रकार की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का जिसमें कंप्यूटर के प्रयोग के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किए जाते हैं चाहे वह सिस्टम सॉफ्टवेयर हो जा फिर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर वही आज के समय में चिप  प्रोग्रामिंग का भी बड़ा महत्व जिसकी वजह से बड़े बड़े काम के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर की महज एक छोटी सी चिप में प्रोग्राम कर दिया जाता है जिसका सबसे आसान उदाहरण है मोबाइल फोन का ले सकते हैं जिसमें एक छोटी सी चिप में इतने सारे फंक्शन की प्रोग्रामिंग लोड रहती है।
"essay on importance of computer in Hindi"
खैर आइए अब कुछ नहीं बात कर लेते हैं बात दरअसल यह है कि हम सब जानते हैं कि कंप्यूटर और इंसान के दिमाग में सबसे बड़ा फर्क यह है कि कंप्यूटर इंसानी दिमाग की तरह सोच नहीं सकता चीजों को खुद से पहचान नहीं सकता भावना को पहचानने की क्षमता नहीं होती इसलिए ही शायद इंसान के दिमाग को सबसे बड़ा कंप्यूटर कहा जाता है जो आसानी से नई चीजों को सीख लेता है विषय वस्तु की पहचान कर लेता है आवाज को पहचान लेता है और किसी भी निर्णय जा एक्शन लेने के लिए तुरंत जवाब देता है मगर अब क्या कहें अब तो लगता है कि कंप्यूटर और इंसान के बीच यह फर्क भी ज्यादा सालों तक रहने वाला नहीं है यह वैज्ञानिक चैन से नहीं बैठने वाले, ले आए, न्यूरल नेटवर्क और सॉफ्ट कंप्यूटिंग के क्षेत्र को जिसकी मदद से अब ये कंप्यूटर को इंसान के दिमाग के तुल्य बनाने में लगे हैं न्युरोंस को आधार बनाकर नई नई खोजे हो रही है इसका एक उदाहरण आई.बी.एस कंपनी द्वारा बनाई गई यह चिप है जिसका नाम टू नॉर्थ है इस चिप का आकार महज एक पोस्ट स्टैंप के बराबर है मगर काम में किसी भारी भरकम सुपरकंप्यूटर से कम नहीं है इस चिपको मानव दिमाग की संरचना के अध्ययन से बनाया गया है ताकि जो इंसानी दिमाग की तरह सोच सके हमारे वातावरण में मौजूद चीजों को पहचान सके।

इस चिप में 5.4 अरब ट्रांजिस्टर है जिनकी वजह से ये काफी कम एल्क्ट्रिक उर्जा लेती है इस चिप में 10 लाख प्रोग्राम न्यूरोन्स है (यहाँ हम न्यूरोन्स को मानव दिमाग के सन्दर्भ में कोशिकाएं कह सकते हैं) और 25.6 करोड़ या 256 मिलियन सिनेप्स जिसको (हम मानव दिमाग के संदर्भ में सुत्रयुग्मन कह सकते हैं यह एक जंक्शन की तरह है यहां पर दो न्यूरोन मिलते हैं) मानव दिमाग में लगभग 100 मिलियन न्यूरोन्स और 100 से 150 ट्रिलियन सिनेप्स होते हैं, इन न्यूरोन्स और सिनेप्स की वजह से ही हम किसी चीज को पहचान सकते हैं, कोई निर्णय ले पाते हैं इस तरह से यह चिप एक छोटे आकार के मानव दिमाग की तरह है – मनोज कुमार


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