5 Lines on Sparrow in Hindi for class 1,2,3,4,5,7,8,9,10th students
चिड़िया छोटी-सी होती है ।
इसका रंग मटमैला होता है।
जंगली चिड़िया का रंग काला होता है।
इसके दो पैर होते हैं ।
टांगें पतली होती हैं।
यह अपने पैरों की सहायता से फुर्र करके उड़ जाती है।
इसका रंग मटमैला होता है।
जंगली चिड़िया का रंग काला होता है।
इसके दो पैर होते हैं ।
टांगें पतली होती हैं।
यह अपने पैरों की सहायता से फुर्र करके उड़ जाती है।
चिड़िया (गौरेया) की चोंच नन्ही-सी होती है परन्तु तेज होती है ।
यह चोंच से पानी पीती है। उसी से रोटी का जरा-सा टुकड़ा, दाना, चावल, अनाज का कण उठाकर कुतर-कुतरकर खा लेती है ।
चिड़िया फुदककर एक जगह से दूसरी जगह जा बैठती है।
यह चोंच से पानी पीती है। उसी से रोटी का जरा-सा टुकड़ा, दाना, चावल, अनाज का कण उठाकर कुतर-कुतरकर खा लेती है ।
चिड़िया फुदककर एक जगह से दूसरी जगह जा बैठती है।
प्रातःकाल होने पर चिड़ियां चहचहाने लगती हैं।
उस समय ये चीं-ची शब्द करती हई पता नहीं क्याक्या कहती हैं।
आपस में घुलमिल कर बातें करती होंगी। या कौन जाने यह इनका कोई गीत ही हो ।
उस समय ये चीं-ची शब्द करती हई पता नहीं क्याक्या कहती हैं।
आपस में घुलमिल कर बातें करती होंगी। या कौन जाने यह इनका कोई गीत ही हो ।
चिड़ियां झुण्ड बनाकर अन्न वाले खेतों पर जा बठती हैं।
वहां अनाज की बड़ी तबाही करती हैं।
इसी बात पर एक कहावत बनी हुई है.
वहां अनाज की बड़ी तबाही करती हैं।
इसी बात पर एक कहावत बनी हुई है.
"फिर पछताए होत क्या जब चिड़ियां चग गईं खेत"
पता चोट लगने से इस छोटे से पक्षी के प्राण निकल जाते हैं। यह बड़ी सूकमार होती है।
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