Thursday, January 3, 2019

Short Poem on Dahej Pratha in Hindi | दहेज़ प्रथा पर निबंध

Short Poem on Dahej Pratha in Hindi | दहेज़ प्रथा पर निबंध

नहीं रहेंगे अब वे दिन 
मिटेगी जल्द दहेज के दिन 
अपने घर को भरने की खातिर 
दुसरे के घर को उजाड़ना 
कहां बहादुरी है 

एक बेटी के पिता की जिंदगी 
पैसे जोड़ते हुए गुजर जाती है 
दहेज़ प्रथा हमें अंदर तक तडपाती है 

उठ रही है आवाज़ 
हटेगी यह दहेज़ प्रथा 
आयेगी हमारी खुशियों को बारी 
फिर न लगेगी बेटियां 
किसी बापू को भारी 
अब हवा से जमीन तक 
बेटियां उड़ रहीं हैं 
आजादी की ओर बढ़ रहीं है 
- अंशु अवनिजा 





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