दिवाली पर निबंध 250 शब्दों में दीपावली पर निबंध short essay on Diwali in Hindi
दिवाली भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इसे 'रोशनी का त्योहार' भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन दीयों की रोशनी से सजे स्थान बेहद आकर्षक लगते हैं। दिवाली का उल्लास और उत्साह पूरे देश में फैला हुआ है। इस मौके पर लोग अपने घरों को दीयों, फूलों और रंगों से सजाते हैं। रंगों के त्योहार होते हैं, मिठाइयाँ चखी जाती हैं और उपहारों का आदान-प्रदान होता है।
दीपावली
धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान राम
अयोध्या लौटने के लिए पहुंचे थे। यह उनकी जीत और असुर राजा रावण के वध का
प्रतीक है। इसके साथ ही दीपावली पर धन-समृद्धि की कामना के लिए लक्ष्मी
पूजा की जाती है।
दिवाली का त्योहार सभी धर्मों और समुदायों के
लोगों को एक साथ जोड़ता है। इस दिन परिवार और दोस्तों के साथ खुशी के पल
शेयर किए जाते हैं। दिवाली एक आनंदपूर्ण और रंगीन त्योहार है, जिसके माध्यम
से हम अपने चारों ओर प्रकाश, प्रेम और सद्भावना प्रदर्शित करते हैं।
दिवाली पर निबंध 350 शब्दों में
दिवाली,
जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप में मनाया
जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार
कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है, जो अक्टूबर और नवंबर के
बीच आता है। दीपावली का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया जाता है और हर्ष,
उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
दिवाली को 'रोशनी का
त्योहार' भी कहा जाता है क्योंकि इस अवसर पर घर, दुकान और हर जगह दीयों की
रोशनी से सजाया जाता है। इस त्योहार की मुख्य विशेषता रंग-बिरंगी खुशियों
की दीवाली है जो घरों की खिड़कियों, बालकनियों और आंगनों में जगमगाती है।
इसके साथ ही लोग अपने घरों को फूल, तोरण, रंग और देशी गुड़ियों से सजाते
हैं।
दीपावली का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक है। यह हिंदू धर्म के
एक महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान राम के
अयोध्या लौटने के बाद मनाया जाता है, जब लोगों ने दीप जलाकर उनके आगमन का
स्वागत किया था। यह भगवान राम की जीत और राक्षस राजा रावण की हत्या का जश्न
मनाने के लिए मनाया जाता ।
दिवाली के दौरान लोग परिवार और दोस्तों
के साथ खुशी के पल साझा करते हैं। घरों में पूजा, आरती और व्रत का विधान
किया जाता है। दीवाली की रात अगरबत्ती, दीपक और मिठाइयों के बादल घरों को
आध्यात्मिक शुद्धता और सफलता से रोशन करते हैं। लोग अपने परिवार और दोस्तों
को उपहार देते हैं और एक दूसरे के साथ खुशियां, आशीर्वाद और प्यार बांटते
हैं।
इसके अलावा, दिवाली के दौरान धनतेरस और भैया दूज भी मनाया जाता
है, जो इस त्योहार के महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से हैं। धनतेरस पर लोग
धन, समृद्धि और लक्ष्मी की कामना करते हैं और भैया दूज पर बहनें अपने
भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं।
दिवाली एक ऐसा
त्योहार है जो सभी धर्मों और समुदायों के लोगों को जोड़ता है। यह समृद्धि,
सौभाग्य, सफलता और प्रकाश का प्रतीक है। इसके माध्यम से लोग नेक कार्य
करने, दया और मानवता के मूल्यों को बढ़ावा देने का संकेत देते हैं। दीवाली
अपने रंग, धूमधाम और त्योहार की आनंदमयी भावनाओं के साथ भारतीय संस्कृति का
एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
दिवाली पर निबंध 500 शब्दों में
दिवाली
भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्रमुख त्योहार है जो हर साल हर्ष और उत्साह के
साथ मनाया जाता है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या
के दिन मनाया जाता है, जो अक्टूबर और नवंबर के बीच आता है। इस त्योहार की
मुख्य विशेषता रंग-बिरंगी खुशियों की दीवाली है जो घरों की खिड़कियों,
बालकनियों और आंगनों में जगमगाती है। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार
है जिसकी तैयारी लोग धनतेरस के बाद से ही शुरू कर देते हैं।
दिवाली
का पहला दिन 'धनतेरस' के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग अपने घरों और
दुकानों को धन, समृद्धि और खुशियों से भरने के लिए लक्ष्मी पूजा करते हैं।
व्यापारी अपने खातों की सफलता के लिए नए खाते खोलते हैं। धनतेरस के दिन धन
के देवता माने जाने वाले भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है। इस दिन
व्यापारियों से उनकी सफलता की कामना की जाती है और खूब खरीदारी की जाती है।
दीपावली
के दूसरे दिन को 'नरक चतुर्दशी' कहा जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण ने देवी
सती की तब मदद की थी जब वे नरकासुर का वध करने गए थे। इस दिन लोग अपने घरों
को सजाते हैं, उनमें रंग भरते हैं और मिठाइयों का भोग लगाते हैं। आमतौर पर
इस दिन पटाखे जलाए जाते हैं, जिससे पूरा दिन आसमान रंगीन नजर आता है।
तीसरे
दिन को 'दीपावली' कहा जाता है और यह त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन
लोग घर के बाहर और अंदर दीयों का आयोजन करते हैं। साथ ही घर को फूल,
अगरबत्ती, अगरबत्ती और दीपों से सजाया जाता है। घर में लक्ष्मी पूजा की
जाती है और पूजा-आरती का आयोजन किया जाता है। इस दिन मिठाई, नमकीन और
तरह-तरह के पकवान बनाकर परिवार के सदस्यों में बांटे जाते हैं।
चौथे
दिन को 'गोवर्धन पूजा' कहा जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण के बचाव के लिए
गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। इस दिन भी लोग अपने घरों को सजाते हैं
और आपस में उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।
पांचवें दिन को 'भैया
दूज' कहा जाता है, जिसे भाई-बहन के प्यार का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता
है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के पास जाती हैं, उनका तिलक लगाती हैं और
उन्हें आशीर्वाद देती हैं। भाई भी बहनों को उपहार देते हैं और एक-दूसरे की
खुशियां बढ़ाते हैं।
दिवाली का त्योहार सभी धर्मों और समुदायों के
लोगों को एक साथ जोड़ता है। इसके माध्यम से लोग धार्मिक और सामाजिक मुद्दों
पर विचार करते हैं, प्रेम और सद्भावना प्रदर्शित करते हैं और एक दूसरे की
खुशियों में हिस्सा लेते हैं। दिवाली एक आनंदमय और रंगीन त्योहार है जो
हमें खुशी, समृद्धि और उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
दिवाली पर कुछ पंक्तियाँ :
दिवाली आई, खुशियों की बहार लाए,
दीपों की रोशनी और उत्साह बढ़ा।
घरों की सजावट, रंगों का उदघाटन,
मिठाइयों की सुगंध, आनंद का प्रसाद।
लक्ष्मी पूजा की रात, दीयों की जगमगाहट,
घर को धन और समृद्धि से भरकर।
भाई बहन के प्यार का ये त्यौहार,
एक दूसरे को बांधे बंधन, सद्भावना का आधार।
दिवाली के इस हवादार अवसर पर,
हर दिल में खुशियों का उत्साह जगे।
आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं,
यह त्योहार सुख, समृद्धि और आनंद से भरा रहे।
0 comments: