Monday, June 19, 2023

Parvatarohan essay in Hindi पर्वतारोहण पर निबंध

 Parvatarohan essay in Hindi पर्वतारोहण पर निबंध - पर्वतारोहण का शौक पर्वतारोहण की आधुनिक शैली योरोपियनों की देन है।। वे विशेष दल बनाकर, विशिष्ट साज-सज्जा-सामान से लैस होकर और विशेष शिखर पर विजय प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रेरित होकर पर्वतारोहण किया करते हैं।

संसार का सर्वोच्च पर्वत शिखर एवरेस्ट सदा से मानव को चनौती देता आया है। एवरेस्ट पर चढ़ाई करने पहला ब्रिटिश दल १९५३ में भारत आया था। सन् १६५६ में स्विस पर्वतारोडी दल आया था। सन् १९६३ में एक अमरीकी दल एवरेस्ट विजय के लिए आया था। इस दल के एडमण्ड हिलैरी तथा तेनसिंह नोर्के एवरेस्ट शिखर पर पहुंचने में सफल हए।

Parvatarohan essay in Hindi


उस दिन से भारत में पर्वतारोहण का शौक बहुत बढ़ गया। भारत सरकार ने दार्जलिंग में पर्वतारोहण संस्था खोली। तेनसिंह नोर्के इसके प्रिंसिपल बनाये गये। सन् १९६४ में एक भारतीय पर्वतारोही दल ने भारत का गौरव बढ़ाया। यह पहला भारतीय दल था जिसे २९,०२८ फीट ऊँची एवरेस्ट चोटी पर पहुँचने का गौरव मिला। इस दल के कैप्टन चीमा तथा शेरपा गोंबू २० मई को शेरपा सोनम ग्यात्सो और शेरपा सोनम नामग्याल २२ मई को, श्री सी० पी० बोहरा तथा शेरपा अंगकामी २४ मई को और अन्त में कैप्टन अहल वालिया, श्री रावत तथा सरदार फूलदारजी २६ मई को एवरेस्ट शिखर पर पहुँचने में सफल हुए।

इस प्रकार भारतीय अभियान दल ने एवरेस्ट विजय में दो रिकार्ड स्थापित किये। पहला यह कि एक ही अभियान में सबसे अधिक बार विजय प्राप्त की; अर्थात् चार बार । दूसरा यह कि एक बार के अभियान में सबसे अधिक व्यक्ति एवरेस्ट शिखर पर पहुँचे अर्थात तीन व्यक्ति । इस प्रकार इस अभियान म कुल मिलाकर नौ पर्वतारोही एवरेस्ट शिखर पर पहुंचे। जा विश्व का श्रेष्ठतम रिकार्ड है।
उस दिन से भारत में पर्वतारोहण का शौक बहुत हा बढ़ गया किन्तु कई लोग पूछते हैं कि पर्वतारोहण के शोक में क्या रखा है ? टांगें तुड़ाने, शरीर थकाने और समय गंवाने का - लाभ?

इसके लिए हमारा उत्तर है कि पर्वतारोहण का शौक अत्यन्त मनोरंजक, उत्तेजक, साहसपूर्ण तथा आनन्ददायक है। एवरेस्ट, कंचनजंघा, कामेट, नन्दादेवी, नंगापर्वत आदि शिखरों का ध्यान आते ही मन में हर्ष का संचार होने लगता है। हिममण्डित शिखरों को अपनी आँखों से देखने की कल्पना से ही रोमांच हो जाता है। अधित्यकाएँ, उपत्यकाएँ, झरने, नदी-नाले, ऊँचे-नीचे वृक्ष, भयंकर घाटियाँ, बियाबान जंगल, हिंस्र पशुये सब पर्वतारोहियों को अपनी ओर आकर्षित करते रहते हैं।

पर्वतारोहण के लिए अनेक वस्तुओं की आवश्यकता होती है, जैसे-गैसमास्क, गमलूट, रस्सी की सीढ़ियाँ, रस्सियाँ, थर्मस, भारी ऊनी वस्त्र, थैले, बर्फ काटने की कुल्हाड़ी, हथौड़ी, खटियाँ आदि । इनकी व्यवस्था करना आवश्यक होता है।

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