Tuesday, September 15, 2020

Essay on Goat in Hindi बकरी पर निबंध

 बकरी के दो थन होते हैं जिनके द्वारा जे दूध देती है इसके दो छोटे सींग होते हैं किंतु जंगलों में रहने वाली बकरियों के सींग बड़े होते हैं बकरी एक शांत स्वभाव का जानवर होता है बकरी को हमेशा झुण्ड में रहना ही पसंद होता है अंग्रेजी भाषा में बकरी को गोट कहा जाता है बकरी चार टांगों वाला जानवर होता है इसकी टांगे काफी पतली होती है बकरी के बच्चे को मैं मना कहा जाता है एक बार में बकरी एक बच्चे को जन्म देती है जन्म के कुछ घंटों के पश्चात ही इसका बच्चा चलने लगता है।


Essay on Goat in Hindi बकरी पर निबंध 


बकरी पूरे संसार में पाया जाने वाला 4 टांगों वाला जानवर होता है जिसकी एक छोटी सी पूंछ होती है यह बहुत कम मात्रा में दूध देती है बजाए भैंस के किंतु इसका दूध काफी पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है इसके छोटे-छोटे सींग होते हैं यह छोटा सा जानवर होता है यह कुत्ते से थोड़ा सा बड़ा होता है इसके 2 थन होते हैं इसका दूध बच्चों के लिए काफी पौष्टिक दूध माना जाता है यह कई बीमारियों को दूर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है बकरी का दूध काफी महंगा बिकता है बाजार में इसकी भारी मांग होती है बकरी पूरे संसार में पाया जाने वाला जानवर है यह भारत के अलावा मरी का साउथ अफ्रीका बांग्लादेश पाकिस्तान में सबसे ज्यादा पाया जाता है भारत में इसको बड़े पैमाने पर इसका धंधा किया जाता है भारत में बड़े पैमाने पर जी बकरी पालन का धंधा किया जाता है भारत के गांव में ज्यादातर यह बकरी पालन का धंधा लोगों का रोजगार है।

बकरी के पूरे शरीर पर बाल होते हैं बकरी का रंग ज्यादातर काले रंग का होता है इसके अलावा सफेद भूरे रंग में भी बकरियां पाई जाती हैंबकरियों का मुख्य आहार पेड़ों की हरी हरी पत्तियां होता है इसके अलावा बकरियां झाड़ियां भी खा लेती है जय झाड़ी दर कांटो में लगे हुए पत्तों को भी खा लेती है बकरी पूरी तरह से शाकाहारी पशु होता है जो जंगलों के अलावा घरों में भी पाला जा सकता है इसे पास आने से पालतू जानवर बनाया जा सकता है इसकी खाद बड़ी ही उपयोगी होती है जिन्हें हम खेतों में डाल सकते हैं और अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकती है बकरी जीते जी तो बड़ी ही उपयोगी होती है किंतु मरने के बाद इसकी खाल बड़ी ही उपयोगी होती है की खाल के द्वारा कई प्रकार की वस्तुएं बनाई जाती है जैसे जूते।

बकरी मुख्य रूप से 12 से 15 वर्षों तक जीवित रहती है जीवित रहते हुए यह मनुष्य के लिए काफी उपयोगी होती है जो मनुष्य को काफी दूध देती है जो कि काफी पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है इसमें काफी मिनरल्स भी पाई जाती हैं जो मानव शरीर कोस्वस्थ रखने में काफी उपयोगी होते हैं इसके अलावा इसका दूध बच्चों की बीमारियों को दूर करने के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है कुल मिलाकर बकरी एक बड़ा ही उपयोगी जानवर होता है इस क्यों किसके दूध में काफी मिनरल्स पाए जाते हैं।

संसार भर में बकरियों की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती हैं जो अपने आकार और रंग रूप मेंएक दूसरे से अलग होती है इनकी बहुत सारी प्रजातियां अलग अलग देशों में अलग अलग पाई जाती है यह बड़ा ही उपयोगी पशु होता है इसे हम अपने घरों में आसानी से भी पाल सकते हैं ‌।

बकरी संसार भर में पाया जाता है इसको मनुष्य के द्वारा पालतू जानवर बनाया जाता है प्राचीन काल से ही बकरी को पालतू जानवर के रूप में पाला जाता है क्योंकि मनुष्य को बकरी से दूध। प्राचीन काल से ही मानव बकरी को पालतू पशु के रूप में पालता आ रहा है क्योंकि बकरी से मनुष्य को पोस्टिक दूध हासिल होता है जो कि मनुष्य की बीमारियों को दूर करने के लिए बड़ा ही लाभकारी होता है इसका दूध गाय के दूध जितना स्वस्थ पूर्वक माना जाता है क्योंकि इसमें बीमारियों से लड़ने की भरपूर ताकत होती है और इसमें भरपूर मात्रा में तत्व और मिनरल्स भी पाए जाते हैं।

बकरी को बड़ी ही सरलता से पालतू पशु के रूप में पाला जा सकता है इसके अलावा भारत में बड़े पैमाने पर बकरी पालन का धंधा किया जाता है आजकल भारत में बकरी पालन का धंधा काफी प्रचलित है भारत में गांव में रहने वाले किसान अक्षरा बकरी पालन का धंधा करते हैं और अपनी उपज को बढ़ाते हैं और अपना घर परिवार भी चलाते हैं बकरी पालन के धंधे के द्वारा ही कई लोगों का कारोबार चलता है और उनका कारोबार बढ़ने लगता है बकरी पालन के धंधे के द्वारा अच्छी इनकम भी प्राप्त की जा सकती है आजकल ज्यादातर लोग बकरी और भेड़ पाने का धंधा भी करते हैं भारत में बड़े पैमाने पर ज्यादातर लोग बकरी पालन का धंधा करते हैं।

Essay on Goat in Hindi


बकरी एक ऐसा जानवर होता है जो पूरी तरह से सरकारी होता है जो पत्तियां खाकर अपना पेट भर्ती है यदि आप अब बकरी पालन का धंधा करना चाहते हैं तो इसमें आपको ज्यादा खर्चा करने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि बकरियां एक शाकाहारी जानवर होती है जो के पेड़ पति उसे अपना पेट भर लेती है इसके लिए आपको कोई खास खर्चा करने का कोई या फिर अन्य तरीके से इन पर खर्चा करने की जरूरत नहीं पड़ती बकरियों को हमेशा झुंड में रहना ज्यादा पसंद होता है आप अक्सर बकरियों को हमेशा झुंड में ही देख सकते हैं जब भी आप किसी बकरी को केले देखते हैं तो वह अपने झूठ को तलाशने की खोज कोशिश करने में आप उसे देख सकते हैं।
बकरी तकरीबन 10 से 15 वर्षों तक ही जीवित रहती है इश्क के चार पैर होते हैं जो के पतले पत्री से होते हैं किंतु इनकी मदद से यही पहाड़ों जाफर चट्टानों पर आसानी से चल सकती है बकरियां पहाड़ों में भी पाई जाती है

पहाड़ों में रहने वाली बकरियां ज्यादातर बड़े आकार की होती है वह हमारी घरेलू बकरियों से थोड़ी बड़ी होती है और उनके पेट भी निकले होते हैं यह बकरियों की सींग भी काफी बड़े बड़े होते हैं वह भी शाकाहारी पशु ही होती है जो बकरियां पहाड़ों में पाई जाती है वह हमेशा झुंड में रहना पसंद करती है।
बकरियों के सुनने की शक्ति काफी तीव्र मानी जाती है हल्की सी आहट भी इन्हें बड़ी आसानी से सुनाई दे देती है इनके कान्हा काफी बड़े-बड़े किंतु नीचे गिरे से होते हैं बकरी की पूंछ शो टीसीटीडी होती है बकरियां अक्सर मेग्ने करती है उनके बच्चे को मैं मना कहा जाता है।

जंगलों में रहने वाली बकरियां अक्सर शेर या फिर अन्य शिकारियों की शिकार हो जाती है वह हमेशा पहाड़ों पर चढ़ना ज्यादा पसंद करती है और उची उची चट्टानों पर आप इन्हें देख सकती हैंबकरियों की बहुत सारी प्रजातियां अलग-अलग देशों में पाई जाती है हमारे देश भारत में भी बकरियों की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती है इनकी अलग-अलग नस्लें अलग-अलग तरह का दूध देती है कोई बकरी ज्यादा दूध देती है तो कोई बकरी कम दूध देती है इसके अलावा बकरियों का जीवनकाल आधार से 12 वर्षों तक होता है इनके नगला के ना सुनो की जीवन काल भी अलग-अलग होता है किसी का जीवनकाल ज्यादा होता है किसी का जीवनकाल कम होता है इसी तरह से इनकी बहुत सारी प्रजातियां देश भर में मौजूद है बहुत सारी प्रसिद्ध नस्ल की बकरियां भी हमारे देश में पाई जाती है और इनका धंधा भी किया जाता है बहुत सारे लोग बकरी पालन का धंधा करते हैं और अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं बकरी लगभग भैंस के मूल्य के बराबर भी मिलती है इनकी बहुत सारी  जो कि बहुत महंगी होती है जो आसानी से नहीं मिलती त्योहारों के दिनों में अक्सर बकरियों की ज्यादा मांग हो जाती है।

बकरी के दूध भैंस के दूध के समान ही होता है किंतु बकरी का दूध थोड़ा हल्का होता है और भैंस का दूध ज्यादा गाढ़ा सा होता है बकरी के दूध से आप पनीर भी निकाल सकते हैं इसके अलावा उसके दूध से आपदा ही भी जमा सकते हैं बकरी का दूध भैंस के दूध के समान ही होता है किंतु बकरी के दूध में पोषक तत्व ज्यादा पाई जाती है बावजूद के भैंस के दूध से भारत में ज्यादातर बकरी और भैंस पालन का धंधा किया जाता है बकरी का दूध काफी महंगा दूध भी होता है बाजार में इसकी काफी मांग होती है बीमारियों को दूर करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है इसका दूध हल्का मीठा होता है।

बकरी एक का इकलौता ऐसा जानवर है जिसे मानव के द्वारा सबसे पहले पालतू जानवर के रूप में पाला गया था।इसके अलावा बकरी को आप उसके नाम से भी बुला सकते हैं किंतु पहले उसे उसका नाम सिखाया जाना जरूरी हैएक बकरी का औसतन जीवन काल समय एक कुत्ते के समान माना जाता है कुत्ते का जीवनकाल है बीता से 15 वर्षों तक होता है जबकि एक बकरी का जीवनकाल भी इतना ही माना जाता है।

बकरी को मानव के द्वारा लगभग 8000 वर्षों पहले से ही पालतू जानवर के रूप में रखा जा रहा है। आप इसी बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि कितने वर्षों पहले से ही मनुष्य से पालतू जानवर के रूप में पालता रहा है।
संसार भर में बकरियों की ऐसी प्रजातियां भी पाई जाती है जिनके नाथू सींग होते हैं और ना ही दाढ़ी होती है किंतु बकरियों की कुछ ऐसी प्रजातियां भी पाई जाती है जिनके सींग और दाढ़ी दोनों होते हैं।


बकरी को झुंड में रहने वाला जानवर होता है जल्दी से जल्द से अलग कर दिया जाए तो यह उदास हो जाती है और अपने झुंड में जाने के बाद जी फिर से खुश दिखाई देती है।
एक बकरी का गर्भकाल समय 5 महीनों का होता है। बकरी एक बार में 2 बच्चों का जन्म दे सकती है इसके अलावा संसार भर में बकरियों की 300 प्रकार की नस्लें पाई जाती है।

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