Sunday, January 6, 2019

Essay on Monkey in Hindi | बन्दर पर निबंध


Essay on Monkey in Hindi
Essay on Monkey in Hindi | बन्दर पर निबंध 
बंदर का शरारती स्वभाव का जानवर होता है इसे उछलना कूदना बेहद पसंद होता है अक्सर आपने इन्हें एक पेड़ से दूसरे पेड़ ऊपर उछलते कूदते हुए देखा होगा यह पलक झपकते ही एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर चले जाते हैं। संसार में दो तरह के बंदर पाए जाते हैं एक बंदर जो एशिया में पाए जाते हैं और दूसरे बन्दर जो दक्षिण अफ्रीका में पाए  जाते हैं। बंदरों को ज्यादातर पेड़ों , पहाड़ो घास के मैदानों में और घरों की छतों पर रहना बेहद पसंद होता है। इसके अलावा जंगलों और चिड़ियाघर में भी विभिन्न प्रकार के बंदर देखने को मिल जाते हैं। एशिया में पाए जाने वाले बंदरों के 32 दांत होते हैं जबकि दक्षिण अफ़्रीका के बंदरों में 36 दांत होते हैं। बंदर एक उछल कूद करने वाला जानवर होता है वह अपना भोजन एक पेड़ से दुसरे पेड़ पर उछलते और कूदते हुए ही ढूंढ लेता है इसे पेड़ों पर रहना अधिक पसंद होता है क्योंकि यह वृक्षों पर खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं।

बंदर का जीवन काल :
बंदर की औसतन आयु 15 से लेकर 30 वर्षों तक होती है किंतु इन की कुछ ऐसी प्रजातियां भी है जिनकी उम्र इससे कुछ ज्यादा जा कम भी हो सकती है। बंदर को बुद्धिमान जीवो की श्रेणी में भी रखा गया है क्योंकि बंदर ही इकलौता एक ऐसा जीव है जो केले को उसका छिलका उतार कर ही खाता है। इसके अलावा बंदर नकल उतारने में बड़े ही लाजवाब होते है वह किसी भी चीज की नकल बड़ी आसानी से कर लेते हैं इसलिए इन्हें थोड़ा प्रशिक्षण देकर किसी भी चीज की सिखलाई दी जा सकती है।

बंदर दूसरे जानवरों की तरह चार पैरों वाला जीव होता है यह अपने आगे की टांगों का इस्तेमाल मानव की तरह हाथों की तरह करता है। बंदर के पूरे शरीर पर हल्के भूरे रंग के घने बाल होते हैं , बंदर की एक लंबी मुड़ी हुई पूंछ होती है यह पूंछ बंदर का बैलेंस बनाए रखने में मदद करती है। बंदर कई तरह की आवाजें निकाल सकते हैं इसलिए एक बंदर दूसरे बंदर से संपर्क का बनाने के लिए कई प्रकार की आवाजों और इशारों का इस्तेमाल करते हैं। वह अलग अलग स्थिति में अलग अलग इशारों और आवाजों का इस्तेमाल करते हैं। बंदर पानी में बहुत अच्छी तरह से देख सकते हैं किंतु इन्हें पानी में रहना पसंद नहीं होता। बंदरों को साफ़ सुथरा रहना बहुत पसंद होता है अक्सर आपने बंदरों को एक दुसरे की सफाई करते हुए अवश्य देखा होगा।

बंदर का भोजन : बंदर का मुख्य आहार फल फूल के आलावा  रेंगने वाले कीड़े होते हैं बंदर मुख्य रूप से शाकाहारी जानवर ही होते हैं किंतु उनकी कुछ ऐसी प्रजाति है अभी है जो मांसाहारी होती है और सर्वाहारी होती है। बंदर भी मानव की तरह परिवार बनाकर रहते हैं उनका भी अपना ही एक झुण्ड  होता है इस झुण्ड का एक मुखिया बंदर होता है जो पूरे झुंड की अगुवाई करता है। मानव का विकास बंदरों से ही हुआ माना जाता है इसलिए मनुष्य और बंदरों का आप समय डीएनए 98 फ़ीसदी बंदरों से मिलता जुलता है।

बंदर एक बुद्धिमान जानवर तो होता ही है इसलिए कुछ लोग इन्हें थोड़ा प्रशिक्षण देकर बहुत सारा पैसा भी कमाते हैं आपने अक्सर गांव , मोहल्ले में कई मदारी बंदरों का खेल दिखाते हुए देखे ही होंगे इसके अलावा आप सर्कस में भी बंदरों के अजीब खेल देख सकते हैं इसलिए यह मनुष्य के बहुत काम आता है। किंतु हमें बंदरों से दूर ही रहना चाहिए क्योंकि यह चिड़चिड़ा स्वभाव के होते हैं इन्हें छूने पर जे आप को काट भी सकते हैं इसके अलावा बंदर लोगों के हाथों से किसी भी तरह की खाने की सामग्री को छीनकर भाग जाते हैं। अंग्रेजी भाषा में बंदरों के समूह को ट्रूप कहा जाता है। चिंपांजी बंदरों की ही एक किस्म है यह आम बंदरों से बड़े होते हैं यह ज्यादातर जंगलों में ही पाए जाते हैं।

बंदरों की प्रजातियां : दुनिया भर में ढाई सौ से भी ज्यादा बंदरों की प्रजातियां पाई जाती है जो अपने आकार रंग और रूप से एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न होती है। इनमें से बंदरों की कुछ प्रजातियां खत्म हो चुकी है।

प्रजनन काल
नर बंदर मादा बंदर से संभोग करने के लिए सबसे प्रथम अपने हाथों पर पेशाब कर फिर दोनों हाथों को शरीर पर रगड़ लेते हैं। इसे मादा बंदर नर बंदर से प्रभावित हो जाती है। मादा बंदर का प्रजनन काल 135 से लेकर 237 दिनों तक का होता है। बंदर के बच्चे तीन से पांच महीनों तक अपनी माँ का दूध पीते हैं।

बन्दर एक नटखट जीव होता है जो अपनी नटखट शरारतों से दुसरे जीवों और मानव को भी तंग करता है वह आसानी से एक वृक्ष से दुसरे वृक्ष पर कूद जाते हैं और इन्हें कोई चोट भी नहीं लगती है, दुनिया में इतना छोटा बन्दर भी देखा गया है जिसका वजन लगभग सौ ग्राम के आसपास था और उस बन्दर की लम्बाई सिर्फ चार इंच ही थी इसके इलावा बंदरों के दांत बड़े ही तेज़ और नुकीले होते हैं जिससे यह किसी भी चीज़ की चीरफाड़ बड़ी ही आसानी से कर लेते हैं इनके दो दांत दुसरे दांतों से बड़े और तीखे होते हैं बन्दर चलता तो अपनी चार टांगों पर है किन्तु यह किसी चीज़ को पकड़ने या फिर अपना भोजन खाने के लिए अपनी अगली टांगों का प्रयोग करता है , ज्यादातर बन्दर जंगलों में रहते हैं किन्तु जब इन्हें जंगलों में भोजन न मिले तो यह खाने की तलाश में गाँवों जा फिर शहरों में घुस जाते हैं यहां आकर यह लोगों की चीजों को चुराना शुरू कर देते हैं और लोगों को तंग भी करते हैं हर साल 14 दिसम्बर वाले दिन पूरे विश्वभर में मंकी दिवस मनाया जाता है।

दुनिया का सबसे बड़ा बन्दर जिसका नाम मन्द्रिल्ल है जिसका वजन 36 किलोग्राम था और लम्बाई साढ़े तीन फीट के आसपास थी बन्दर से जुडी एक रोचक बात यह है के मानव की तरह इनका भी अपना फिंगरप्रिंट होता है। इसीलिए यह जानवर अपनी इन्ही गुणों के कारण एक शरारती और बुद्धिमान जानवर होता है जो अपनी नटखट शरारतों के लिए दुनियाभर में जाना जाता है।


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