मित्रों आज हमने घोड़े पर एक निबंध लिखा है घोड़ा एक शक्तिशाली और तेज दौड़ने
वाला चौपाया जानवर होता है घोड़ा दुनिया भर में अपनी तेज रफ्तार के लिए जाना जाता
है इसलिए आज हम आपके लिए घोड़े पर निबंध लेकर आए हैं
घोड़ा एक शाकाहारी जानवर है। यह एक सुंदर और वफ़ादार जानवरों में आता है जो के
एक तेज़ दौड़ने वाला जानवर भी है। घोड़ा गाड़ी खीचने और वजन ढ़ोने के काम आता है।
पुराने समयों में राजा युद्ध करने के लिए घोड़ों का सहारा लेते थे। वह बहुत ही
हुशियार प्राणी है इसके सुनने की शक्ति बहुत अधिक होती है।
संसार में घोड़ों की सौ से भी ज्यादा नस्लें पायी जाती हैं इनमे से अरबी घोड़ा
बेहद ख़ास माना जाता है। घोड़े छोटी सी उम्र से ही दौड़ना शुरू कर देते हैं। घोड़े नाक
से सांस लेते हैं न की मूंह से , घोड़ा एक शक्तिशाली जानवर है जो बिना रुके कई घंटों तक
दौड़ सकता है। एक घोड़े के उम्र 25 से 30 वर्ष तक होता है
Few Lines on Horse in Hindi
1. घोड़ा पालतू जानवरों की श्रेणी
में आता है।
2. यह एक शाकाहारी जानवर होता है
जो घास फूस खाकर अपना पेट भरता है।
3. एक असामान्य घोड़े का वजन 300 से लेकर 600 किलोग्राम तक
होता है मादा घोड़े का वजन नर घोड़े से थोड़ा कम होता है।
4. घोड़ा चार टांगो बड़ा जानवर
होता है जिसकी दो आंखें दो कान और एक बालों सी गुच्छे दार पूंछ होती है।
5. घोड़ा तेज दौड़ने में बड़ा
माहिर होता है।
6. घोड़ा एक ऐसा जानवर है जो खड़े
खड़े ही सो जाता है और वह अपने जीवन का ज्यादातर वक्त खड़े रहकर ही बिता देता है।
7. घोड़े भिन्न-भिन्न रंगों में
पाई जाती है जैसे काला सफेद भूरा आदि।
8. घोड़े का जीवन काल लगभग 30 वर्षों तक
होता है।
घोड़ा एक शक्तिशाली जानवरों की श्रेणी में गिना जाता है वह एक बुद्धिमान जानवर
भी होता है घोड़ा मानव के द्वारा पालतू बनाया जाने वाला जानवर होता है। horse अपने
दिन का ज्यादातर समय खड़े रहकर ही बिता देता है।
Essay on Horse in Hindi for students
घोड़ा संसार के सभी स्थानों पर पाया जाता है किंतु यह ज्यादातर गर्म देशों में
रहने वाला जानवर होता है। घोड़े जंगलों में भी पाए जाते हैं जंगलों में यह जानवर
झुंड में रहना ज्यादा पसंद करते हैं। जंगलों में रहते हुए इन्हें काफी मुश्किलों
का सामना करना पड़ता है इन्हें वहां पर कई शिकारियों का खतरा बना रहता है। घोड़े
का शरीर बड़ा ही मजबूत और सुडौल होता है और इसका शरीर दिखने में भी बड़ा ही सुंदर
लगता है। इस जानवर की मांसपेशियां काफी ज्यादा मजबूत होती है जिस वजह से एक समान
ने घोड़ा 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी ज्यादा दौड़
सकता है।
स्पीति घोड़ा - इस नस्ल के घोड़े आमतौर पर हिमाचल प्रदेश जाने की पहाड़ी
इलाकों में पाए जाते हैं इस घोड़े की ज्यादातर ऊंचाई 128 सेंटीमीटर तक
होती है। किस नस्ल के घोड़े पहाड़ी क्षेत्रों में सबसे खास और बेहतरीन मानी जाती
है।
घोड़े की प्रजातियां
मणिपुरी पोनी घोड़ा - इस नस्ल का घोड़ा बहुत सारी भवन
भवन रंगों में पाया जाता है यह काफी बढ़िया प्रजाति का घोड़ा माना जाता है क्योंकि
जय काफी फुर्तीला और ताकतवर होता है और इसका इस्तेमाल ज्यादातर प्राचीन समय में
लड़ाई और आज के समय में खेलों के लिए भी किया जाता है। यह घोड़ा दौड़ने में भी
काफी तेज होता है।
भोटिया नस्ल - इस नस्ल के घोड़े ज्यादातर दार्जिलिंग में पाए जाते हैं घोड़े
दौड़ने में और सामान ढोने में काफी माहिर होते हैं इसलिए इनका इस्तेमाल ज्यादातर
मुख्य रूप से इन्हीं कामों के लिए किया जाता है।
पुराने समय में राजा महाराजा घोड़े को पालतू बनाकर रखते थेघोड़ों पर ही वह
सवार होकर जंगलों में शिकार के लिए निकलते थे इसके अलावा घोड़ों की उस वक्त बहुत
सारी प्रतियोगिताएं भी करवाई जाती थी।
युद्ध में भी घोड़ों का प्रयोग किया जाता था। चेतक का नाम का घोड़ा जो महाराणा प्रताप
का प्रसिद्ध घोड़ा था जे घोड़ा इतना ताकतवर और दौड़ने में तेज था कि वह पलक झपकते
ही हवा से बातें करने लगता था इस घोड़े की रफ्तार के कार नहीं महाराणा प्रताप के
द्वारा कई युद्ध में जीत हासिल कर सकें।
प्राचीन समय में ऐसा भी माना जाता था कि जिसे राजेश के पास ज्यादा घोड़े होते
थे वहीं युद्ध में जीत हासिल करता था जिस कारण उस वक्त ज्यादा घोड़े रखे जाते थे।
जह जानवर तेज दौड़ने में बड़ा ही माहिर होता है जिस वजह से यह संसार भर में
प्रसिद्ध है।
प्राचीन time में घोड़ा परिवहन का भी एक बड़ा साधन रहा है उस वक्त इसे लोग
बहुत ढूंढने के लिए प्रयोग मे लिया करते थे कई स्थानों पर तो घोड़े से खेतों को
काम भी लिया जाता है। कुत्ते की तरह ही घोड़ा भी बड़ा ही वफादार जानवर माना जाता
है यह अपने मालिक के प्रति हमेशा वफादार रहता है और उसकी एक आवाज पर दौड़ा चला आता
है।
Lifespan - एक असामान्य घोड़े का जीवन काला 25 साल से लेकर 30 सालों तक
होता है किंतु वह नवी शताब्दी में ओल्ड बिल्ली नाम का एक घोड़ा जिसकी आयु 60 वर्ष से कहीं
ज्यादा थी। पूरे संसार भर में ऐसे जानवर की लगभग 200 प्रजातियां देखने को मिल जाती
है अरबी घोड़े को 68 प्रजातियों में से सबसे खास और सुंदर और भागने में
तेज माना जाता है।
घोड़े भवन विभिन्न रंगों में पाए जाते हैं जैसे काला घोड़ा सफेद नीला घोड़ा
इसके अलावा दो रंगों वाला घोड़ा घोड़े के देखने और सुनने की क्षमता काफी ज्यादा
होती है यह हल्की सी आहट को भी सुन लेता है घोड़े से जुड़ी एक रोचक बात यह है कि
वह हमेशा नाक के द्वारा ही सांस लेता है।
घोड़े की गर्दन लंबी और सुडोल होती है इसकी गर्दन के ऊपर बड़े बड़े बाल होते
हैं जिस कारण जब जय बैठता है तो हवा हवा के कारण इसके बाल लहराते हैंजिस कारण
घोड़ा दौड़ते हुए बड़ा ही सुंदर और आकर्षक लगता है घोड़े की एक लंबी पूंछ होती है
जिस पर बालों का गुच्छ बना होता है घोड़े की पूंछ के बाल बड़े ही मजबूत और लंबे
होते हैं।
घोड़े के गोबर को खेतों में खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसका
गोबर बड़ा ही उपयोगी होता है। यह काम घोड़े की ऊंचाई 5 फीट से लेकर 6 फीट तक होती
है घोड़ा दूसरे जानवरों से बहुत अलग दिखता है। घोड़े के मुंह में लगभग 40 दांत होते
हैं इन्हें आम तौर पर झुंड में रहना ज्यादा पसंद होता है। इन ए ज्यादातर इंसानों
के नजदीक देखा जा सकता है।
घोड़े को अलग-अलग नामों से भी पुकारा जाता है जैसे अंग्रेजी भाषा में घोड़े को
सेट एलियन कहा जाता है जब के मादा घोड़े को मारे कहा जाता है इसके अलावा जवान
घोड़े को कॉलट और मादा जवान घोड़ी को फिल्ली के नाम से पुकारा जाता है। घोड़े के
पैरों का निचला भाग बड़ा हिस्सा खत्म होता है जिसे खुर भी कहते है।
घोड़ा सैलानियों के लिए भी काफी मददगार होता है अपने घोड़े को सैलानियों को
सैर कराने के लिए भी प्रयोग किया जाता है किंतु आज के समय में रस्ते पक्के होने की
वजह से घोड़े के पैरों को घसने से बचाने के लिए उसके पैरों में लोहे की नाल बनाकर
लगा दी जाती है जिससे घोड़े के पैर घसने से बचे रहते हैं। और वह पक्के रास्तों पर
आसानी से तेज दौड़ सकते हैं और उन्हें कोई परेशानी भी नहीं होती।
इसके अलावा आज के समय में भी घोड़ों की दौड़ की बहुत सारी प्रतियोगिताएं भी
करवाई जाती है जिसमे भिन्न-भिन्न प्रजातियों के घोड़े शामिल होते हैं और दौड़ में
अपने कर्तव्य भी दिखाते हैं। और इस प्रतियोगिताओं में सबसे तेज दौड़ने वाले घोड़े
को सम्मानित किया जाता है।
आजकल देखा गया है के घोड़े बहुत कम लोग रखते हैं यदि कोई रास्ता भी है तो वह
उसे घुड़सवारी के लिए ही रखना पसंद करते हैं क्योंकि आज की महंगाई के जमाने में
घोड़े को पालना बहुत ज्यादा मुश्किल काम हो गया है। इसके अलावा यातायात के साधनों
आ जाने की वजह से भी घोड़ों की संख्या में गिरावट आई है। पुराने जमाने में तो लोग
विवाह में दूल्हे को घोड़े पर बिठाकर बरात निकाला करते थे।
हमारे देश में घोड़े की सवारी करना शान की बात समझी जाती है। हमारे देश के खास
देना जैसे गणतंत्र दिवस स्वतंत्र दिवस के शुभ मौके पर भारत में फौजियों के
द्वारासुंदर-सुंदर घोड़ों पर बैठकर बहुत सारी कर्तव्य दिखाई जाती है और उनके
द्वारा प्रेड भी निकाली जाती है।
मादा घोड़ा एक बार में सिर्फ एक बच्चे को ही जन्म देती है बच्चे जन्म के समय
के कुछ घंटों बाद ही अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं और धीरे-धीरे चलना भी शुरू कर
देते हैं इससे यह पता चलता है कि घोड़ा कितना शक्तिशाली जानवर होता है कि वह अपने
जन्म के कुछ घंटों के बाद ही चलने लगता है।घोड़ा ई क शाकाहारी जानवर होने के कारण
है ज्यादातर हरी घास खाना ही पसंद करता है इसके अलावा घोड़े को चने खाना बेहद पसंद
होता है।क्योंकि जाने में बहुत सारे प्रोटीन पाई जाती है जिस वजह से कोड़ा ने खाकर
बड़ी तेज और लंबे समय के लिए दौड़ सकता है।
एक घोड़े का दिल बड़ा होता है जिस वजह से इसका दिल काफी मात्रा में शरीर में
खून प्रवाहित करता रहता है जिस वजह से घोड़ा बिना रुके कई घंटों तक तेज रफ्तार से
दौड़ता रहता है।
घोड़ा मौके के मुताबिक का खुद को आसानी से डाल लेता है जिस कारण भय पक्की
सड़कों पर भी आसानी से दौड़ लेता है और इसके अलावा वह किसी पहाड़ी क्षेत्रों में
भी आसानी से चल सकता है और अधिक गर्मी और सर्दी को भी बरदास कर जाती है। इसके
अलावा घोड़ा श्लांग लगाने में काफी मेहर होता है ऊंची से ऊंची छलांग भी बड़ी आसानी
से लगा लेते हैं और इन्हें कोई चोट भी नहीं लगती।
घोड़ा एक ऐसा जानवर है जिसे खेलों में भी इस्तेमाल में लाया जाता है प्रसिद्ध
खेल पोलो को खेलने के लिए घोड़ों की जरूरत पड़ती है। इसलिए इस खेल में खास नस्ल के
घोड़े रखे जाते हैं। पूरे संसार भर में घोड़ों की लगभग 5 करोड से भी
ज्यादा जनसंख्या है।
घोड़े को शक्ति का प्रतीक समझा जाता है हमारी हिंदू सभ्यता में जिस कारण हमारे
देश में अश्वमेघ यज्ञ बी करवाए जाते हैंपुराने जमाने में जब कोई जाता जात का कोई
साधन नहीं हुआ करता था तो दो पारियों को अपने सामान को ढोने के लिए घोड़ों का ही
सहारा लेना पड़ता था। इसलिए सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए घोड़ों
का ही इस्तेमाल होता था। इसके अलावा संदेश को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए
भी घोड़े रखे जाते थे।
भारतीय फौज के द्वारा भी घोड़े रखे जाते हैं इसके अलावा कई अन्य ऐसे देश भी है
जहां की सेना के द्वारा भी घोड़े पाले जाते हैं।
पुराने जमाने में जितना महत्व घोड़ों का हुआ करता था उत्तरा महत्व आज नहीं है
हालांकि वर्तमान में भी घोड़ों का काफी प्रयोग होता है जैसे कुछ लोग घोड़ों को
अपने शौक के लिए पालते हैं आज भी घोड़ों की दौड़ करवाई जाती है खेलों में घोड़ों
का सहारा लिया जाता है इसके अलावा देश भर से आए सैलानियों को घुमाने के लिए भी
घोड़े ही काम में लिए जाते हैं। आज भी घोड़े देश में से बहुत से लोगों की जीविका
का साधन है।
किंतु आजी के महंगाई के जमाने में घोड़े को पालना कोई आसान काम नहीं रह गया है
और इसके लिए बहुत सारे प्रबंध भी करनी पड़ती है जिस कारण इस पर बहुत सारा खर्चा
जाता है।
कुल मिलाकर घोड़े को इसकी वफादारी शक्ति और सुंदर शरीर के लिए देश भर में जाना
जाता है।