Saturday, March 30, 2019

Child Labour Essay in Hindi | Bal Shram par Nibandh | बाल श्रम पर निबंध

Child Labour Essay in Hindi | Bal Shram par Nibandh | बाल श्रम पर निबंध


Child Labour Essay in Hindi – Bal Shram par Nibandh - बाल श्रम पर निबंध 
Child Labour Essay in Hindi

 बाल अधिकारों पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की रिपोर्ट तो और भी डरावनी है। यह रिपोर्ट बताती है कि देश में हर वर्ष 44 हज़ार बच्चे गायब हो जाते हैं। बच्चों के गायब होने की अगली कड़ी में आते हैं निठारी कांड जैसे सच जहां सैकड़ों बच्चों के कंकाल मिले थे। आज तक नहीं पता चल सका कि वह कंकाल किन बच्चों के थे। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का कहना है कि देश के 53.22 प्रतिशत बच्चे किसी ना किसी रूप में यौन शोषण का शिकार हो रहे हैं इस शोषण के दायरे में सभी बच्चे आ जाते हैं उनके बीच किसी तरह की कोई सीमा रेखा नहीं है।

बच्चों के यौन शोषण के खतरे जितने तंग बस्तियों में है उससे अधिक कहीं आलीशान इमारतों, बंगलों में है कहने को देश तरक्की कर रहा है लेकिन बचपन पिछड़ रहा है। गरीब बच्चों के चेहरों से मासूमियत खत्म होती जा रही है भारत की आधी सदी के बाद भी झुग्गियों असंगठित श्रमिकों के बच्चों के रहन-सहन में कोई बदलाव नहीं आया है हिंदुस्तान के शहरी और ग्रामीण और अमीर - गरीब की विभाजक रेखा ने बच्चों को दो हिस्सों में बांट दिया है पहली श्रेणी में वह जो सुबह तैयार होकर टिफिन लेकर स्कूल के लिए रवाना होते हैं तो दूसरी कतार में वह बच्चे हैं जिनको सुबह से ही दोपहर की एक आधा रोटी की तलाश में घरों से बाहर निकलना पड़ता है दोनों वर्गों के बच्चे सुबह घरों से बाहर जरुर निकलते हैं पर राहे दोनों की अलग होती है।

तो जाहिर सी बात है कि दूसरी राह में जाने वाले बच्चों के लिए बाल विकास का कोई महत्व नहीं है बाल विकास तो उनके लिए है जो अपने लंच बॉक्स में फास्ट फूड ठूंस –ठूंस  कर ले जाते हैं महानगरों के मोटीयाते बच्चों के लिए हर साल आने वाले बाल दिवस पर चाचा नेहरू के विचारों को रटना अब एक फैशन है स्टेटस सिंबल है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें सर्व शिक्षा अभियान की सफलता की बात करती है लेकिन सच्चाई मौजूदा स्थिति से कितनी जुदा है यह उनको भी पता है गरीब बच्चों के लिए कागजों में खूब काम होते हैं किंतु धरातल पर कुछ नहीं। नेता अपने घरों के सामने ईट और रेती उठाते मजदूरों के बच्चों को देख आंखें मूंद लेते हैं क्या बाल मजदूर शिक्षा के अधिकारी नहीं है क्या आज बच्चों की प्रगति का सपना केवल कागजों पर ही पूरा हो रहा है या फिर हकीकत में इनके सपने सच होते नजर आ रहे हैं। कारखानों में बच्चे शोषण के शिकार हो रहे हैं उनकी कोई सुध नहीं लेने वाला मौजूदा आंकड़े पर गौर करें तो इस समय लगभग 25 करोड बच्चे बाल श्रमिक है जो चाय की दुकानों पर नौकरों के रूप में फैक्ट्रियों में मजदूरों के रूप में या फिर सड़कों पर भटकते भिखारी के रूप में नजर आ ही जाते हैं।

इनमें से कुछ ही बच्चे ऐसे हैं जिनका उदाहरण देकर हमारी सरकार सीना ठोक कर देश की प्रगति के दावे को सच होता बताती है मजदूरी करने वाले बच्चों में लगभग 53.22 प्रतिशत बच्चे शोषण का शिकार होते है इनमें से अधिकांश बच्चे अपने रिश्तेदारों या मित्रों के यौन शोषण का शिकार हैं अपने अधिकारों के प्रति अनभिज्ञता और अज्ञानता के कारण यह बच्चे शोषण का शिकार होकर जाने अनजाने कई अपराधों में लिप्त होकर अपने भविष्य को अंधकारमय कर रहे हैं।

ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि बाल विकास के मायने सभी बच्चों के लिए एक समान होने चाहिए सुविधा संपन्न बच्चे तो सब कुछ कर सकते हैं परंतु यदि सरकार देश के नौनिहालों के बारे में सोचे जो गंदे नालों के किनारे कचरे के ढेर में पड़े हैं जा फूटपाथ की धूल में सने है उन्हें ना तो शिक्षा मिलती है और ना ही आवास सर्वशिक्षा के दावे पर दम भरने वाले भी इन्हें शिक्षा का मुख्यधारा से जोड़ नहीं पाते पैसा कमाना इन बच्चों का शौक नहीं बल्कि मजबूरी है। अशिक्षा के अभाव में अपने अधिकारों से अनभिज्ञ यह बच्चे एक बंधुआ मजदूर की तरह अपने जीवन को कामों में खपा देते हैं और इस तरह देश के नौनिहालों शिक्षा, अधिकार, जागरूकता और सुविधाओं के अभाव में अपने अशिक्षा और अभियंता के नाम पर अपने सपनों की बलि चढ़ा देते हैं वक्त का तकाजा है कि अगर हमें बाल दिवस मनाना है तो सबसे पहले हमें गरीबी और अशिक्षा के घर तक फंसे बच्चों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना होगा तथा उनके अंधियारे जीवन में शिक्षा का प्रकाश फैलाना होगा यदि हम सभी केवल एक गरीब और अशिक्षित और बच्चे की शिक्षा का बीड़ा उठाएंगे तो निर: संदेह भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।

Poverty speech in Hindi | बढ़ती गरीबी पर भाषण

Poverty speech in Hindi | बढ़ती गरीबी पर भाषण

Poverty speech in Hindi | बढ़ती गरीबी पर भाषण

यूं तो गरीबों के लिए तमाम सरकार समय-समय पर जो योजनाएं बनाती रहती हैं गरीबी दूर करने के भरसक प्रयास करने आश्वासन भी देती है परंतु ऐसा क्या है कि इतनी चिंता योजनाओं , प्रयासों के बावजूद भी गरीबी दूर होने का नाम ही नहीं लेती तमाम योजनाएं जो गरीबों को समाज की मुख्यधारा में लाने को बनाई जाती है इन योजनाओं तक गरीब नहीं पहुंच पाते या योजनाएं गरीबों तक नहीं पहुंच पाती है या फिर योजनाओं को लागू करने वालों की अनदेखी के चलते जी बीच राह में ही दम तोड़ देती है।

जो भी हो इतना तो तय है कि गरीबी एक अभिशाप है यातना है बेबसी है और एक लाचारी है गरीबी हटाओ का नारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था देश को आजाद हुए 71 साल पूरे गए इस बीच एक पीढ़ी बूढ़ी हो गई दूसरी पीढ़ी तरक्की की राह पर है और तीसरी और नई पीढ़ी में भविष्य को लेकर अनगिनत स्वप्न है परंतु बावजूद इन सबके देश से गरीबी नहीं हटी बल्कि गरीब ही मर रहा है। अस्तित्व में आते ही सरकार गरीबों और गरीबी पर योजनाएं वह लंबे व्याख्यान देती है परंतु यह सब अखबारों समाचार चैनलों की सुर्खियां ही बन पाती है असलियत में स्थिति जस की तस। सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि आखिर गरीब की थाली में बचा ही क्या है दूध और फल जैसे जरूरी खाद्य पदार्थ वर्षों पहले ही गायब है बची - खुची दाल और सब्जी के दामों ने थाली का स्वाद बिगाड़ दिया है ऐसे में जो शख्स दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पाता वह शिक्षा चिकित्सा जैसी जरूरी और बुनियादी चीजें कहां से लाएगा और अगर शिक्षा से ही वंचित होना पड़ेगा तो देश विकास के रास्ते पर कैसे अग्रसर होगा।

देश में भुखमरी , लाचारी क्यों है सिर्फ प्रति व्यक्ति आय वाले विकास दर के बढ़ जाने से तो गरीबी दूर नहीं हो जाएगी अमीर और गरीब के बीच की खाई दिन प्रतिदिन चौड़ी और गहरी होती जा रही है जब तक इस खाई को पाटा नहीं जाएगा तब तक यह सोचना भी संभव नहीं है कि देश से गरीबी दूर हो जाए। शिक्षा भोजन चिकित्सा रहने को आशियाना जे कुछ बुनियादी चीजें हैं जिनकी जरूरत प्रत्येक नागरिक को है सरकारों को चाहिए कि वह ऐसी व्यवस्था बनाए जिसके तहत तमाम योजनाएं जो सरकारें समय-समय पर गरीबों के कल्याण के लिए बनाती है वह योजनाएं सचमुच जरूरतमंदों तक पहुंचे जे गरीब सिर्फ और सिर्फ मतदाता बन कर ना रह जाए जिसका ध्यान 5 वर्ष में एक बार चुनाव के समय ही आए तमाम संसाधनों सुविधाओं पर गरीब का भी हक है यह सिर्फ अपमान देर इनको नहीं बने हैं।
Swine Flu in Hindi | स्वाइन फ्लू क्या , लक्षण , सावधानियां और उपचार

Swine Flu in Hindi | स्वाइन फ्लू क्या , लक्षण , सावधानियां और उपचार


Swine Flu in Hindi | स्वाइन फ्लू क्या , लक्षण , सावधानियां और उपचार 

स्वाइन फ्लू एक संक्रमण बीमारी होती है जो एक इंसान से दूसरे इंसान को लग जाती है जब कोई स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीज छींकता है तो उसके आसपास खड़े व्यक्तियों को भी यह संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है इस फ्लू के वायरस दूसरों में प्रवेश कर जाते हैं इसीलिए स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति से हमेशा दूरी बनाकर रखें और अपने मुंह पर रुमाल या फिर मास्क जरूर पहने।


About Swine Flu in Hindi and its symptoms , causes and treatment
स्वाइन फ्लू बाला इंसान जब छींकता है और वह छींकते समय अपना हाथ मुंह पर रखकर नाक को ढक लेता है तो इससे यह वायरस उसके हाथों में चिपक जाते हैं और जब वह व्यक्ति किसी भी चीज को छूता है जैसे दरवाजा , खिड़की , कीबोर्ड मोबाइल इत्यादि तो यह वायरस उसके हाथों से इन चीजों पर चिपक जाते हैं इसके बाद यहीं वायरस फिर किसी अन्य इंसान केहाथों लग जाते हैं और उसके शरीर में भी दाखिल हो जाते हैं। इसलिए यह वायरस बड़ी जल्दी एक दूसरे के संपर्क में आने से दूसरों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। इस बीमारी के दौरान कुछ सावधानियां रखकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं और दूसरों को भी इस वायरस के फैलने से बचाया जा सकता है।
अब हम आपको बताने जा रहे हैं किस तरह आप इस virus से सावधानी रख सकते हैं ता जो दूसरों से आपके शरीर में दाखिला न हो सके। चलिए जानते हैं वह कौन से कारण है जिन्हें अपनाकर आप इस वायरस की चपेट से आने से बच सकते हैं
हमेशा छींकते वक्त मुंह पर टिशु पेपर रखें यह टिशु पेपर हमें बार-बार इस्तेमाल में नहीं लाना चाहिए इसलिए इसका एक बार इस्तेमाल करने के बाद इसे फौरन  बिना किसी दूसरे के संपर्क में आने से पहले इसे कचरे के डिब्बे में फेंक देना चाहिए।
  • अपने हाथों को निरंतर सावन इत्यादि से धोते रहे अपने घर के दरवाजों और दरवाजों के हैंडल , कीबोर्ड में जा फोन आदि हमेशा साफ करते रहे यदि हमें जो लक्षण दिखाई देने लगे तो इससे आप दूसरों के नजदीक जाने से बचें क्योंकि यह virus आपसे दूसरों को भी हो सकता है।
  • ऐसी स्थिति में लगातार पानी पीते रहना चाहिए आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए।
  • यदि आपको स्वाइन फ्लू की समस्या है तो घर से निकल रहे हो तो आपको फेसमास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलना चाहिए।
स्वाइन फ्लू के प्रमुख लक्षण इस प्रकार होते हैं : Swine flu symptoms in Hindi
  • यदि आपको कई दिनों से तेज बुखार आ रहा है तो ये स्वाइन फ्लू का लक्षण हो सकता है
  • इसी दौरान तेज ठंड लगना
  • कई दिनों से गले में खराश होना जा गले का खराब होना इसका लक्षण हो सकता है
  • मांसपेशियों में दर्द होना
  • हमेशा खांसते रहना और खांसते समय खून का आना इसका लक्षण होता है।
  • शरीर में कमजोरी महसूस होना किसी काम को करने में दिल ना लगना और जोड़ों में दर्द होना इस वायरस के प्रमुख लक्षण होते हैं।
कितनी हद तक खतरनाक होता है स्वाइन फ्लू :
1.    स्वाइन फ्लू का संक्रमण दो तरह का होता है एक साधारण फ्लु दूसरा गंभीर स्वाइन फ्लू
  • इस प्रकार का संक्रमण ज्यादा खतरनाक नहीं होता इसमें सिर्फ गले में हल्की सी खराश होने लगती है और मासपेशियों में हल्का सा दर्द भी महसूस होता है इसके अलावा बुखार भी आ सकता है किंतु यह दो-तीन दिनों में बिना दवा के भी ठीक हो जाता है।
  • दूसरी तरफ गंभीर फ्लू आम से ज्यादा खतरनाक होता है इसके असर से किडनी और फेफड़े दोनों प्रभावित होने लगते हैं इसी कारण इसे गंभीर अवस्था का फ्लू भी कहा जाता है। इस दौरान मरीज को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है रक्तचाप कम होने लगता है।
  • स्वाइन फ्लू के संक्रमण का पता स्वाइन फ्लू स्वास द्वारा इसके बारे में पता लगाया जा सकता है इसके लिए मरीज के गले के स्वास और नाक के द्रव्य को सैंपल के तौर पर टेस्ट किया जाता है।
स्वाइन फ्लू से कैसे बचा जा सकता है : swine flu treatment in Hindi
यदि स्वाइन फ्लू के होने से पहले या फिर बाद में यदि सावधानी रखी जाए तो इस संक्रमण से बचा जा सकता है स्वाइन फ्लू होने पर घबराना नहीं चाहिए क्योंकि इसका इलाज संभव है स्वाइन फ्लू होने पर गले में खराश होने लगती है शरीर में दर्द होता है बुखार भी होने लगता है इसके अलावा जे किडनी और फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि जब खांसी जा छींक आने लगे तो अपना मूंह और नाक साफ नाक से ढक लेना चाहिए ता जो इसका वायरस और दूसरी जगह पर ना फैल सके। स्वाइन फ्लू से प्रभावित मरीज जब किसी वस्तु को छूता है तो उसका वायरस उस वस्तु में फैल जाता है और इसके बाद जब कोई स्वस्थ इंसान उस वस्तु को छूता है तो उसका वायरस उस व्यक्ति में भी चला जाता है जिस कारण यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में दाखिल हो जाता है। ऐसे में भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसी जगहों पर फ्लु का ज्यादा खतरा रहता है अगर जाना भी पड़े तो मास्क पहनकर ही बाहर निकलना चाहिए। यदि आपको स्वाइन फ्लू से संबंधित अपने शरीर में कोई आशंका लग रही हो तो तुरंत नजदीक के अस्पताल में डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
स्वाइन फ्लू से संबंधित कुछ अन्य सावधानियां : swine flu precautions in Hindi
  • स्वाइन फ्लू होने पर अपने मुंह और नाक को मास्क से ढक कर रखें ता जो  वायरस दूसरों तक ना पहुंच सके किंतु यदि आपको किसी दूसरे से इस संक्रमण होने का खतरा दिख रहा हो तो खुद ही अपना मुंह और नाक ढक लेना चाहिए।
  • अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धोना चाहिए और जितना ज्यादा हो सके भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए।
स्वाइन फ्लू कैसे फैलता है ? खांसते और छींकते वक्त अपना मुंह में रुमाल से अवश्य ढक लेना चाहिए। इससे नाक और मुंह से निकलने वाले स्वाइन फ्लू के वायरस बाहर नहीं जाएंगे जिससे इन के फैलने का खतरा बहुत कम होगा और जो दूसरे लोगों को भी प्रभावित नहीं करेंगे। इस वक्त में स्वाइन फ्लू से प्रभावित मरीज को डावल सर्जिकल मास्क पहनने को दें ताकि वह आसपास रहने वाले लोगों को इसके संक्रमण होने का खतरा कम किया जा सके। बिना किसी डॉक्टर की सलाह के दवाई नहीं लेनी चाहिए। इस दौरान खूब पानी पीना चाहिए और पोस्टिक भोजन भी लेना चाहिए और इससे प्रभावित रोगी को मौसमी फल जरूर खाने चाहिए।
किन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है स्वाइन फ्लू :
स्वाइन फ्लू का सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को होता है जिनकी उम्र मात्र 5 साल तक होती है उन्हें ज्यादा स्वाइन फ्लू होने का खतरा रहता है इसके अलावा जो 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग हैं उन्हें भी इसके होने का खतरा ज्यादा रहता है किंतु ये वायरस 20 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों में भी देखा गया है। जिन लोगों की प्रतिरोधी क्षमता बहुत कम होती है उन्हें यह वायरस सबसे ज्यादा प्रभावित करता है चाहे फिर वह बच्चा हो या फिर जवान। इसके अलावा जे संक्रमण अस्थमा के रोगियों को हृदय के रोगियों को डायबिटीज के रोगियों को और लीवर की बीमारी से पीड़ित रोगियों और गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है क्योंकि इन सभी लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिस कारण यह ऐसे लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।

नाक का लगातार बहते रहना छींके आना। सिर में दर्द रहना और ज्यादा थकान महसूस करना कई दिनों से बुखार चढ़ना और गले में लगातार खराब होते रहना इस वायरस की प्रमुख निशानियां होती है। इसीलिए ऐसी स्थिति में हमें सावधान रहने की जरूरत होती है।

स्वाइन फ्लू का संक्रमण होने पर इसके लिए 2 दिनों के अंदर एंटीवायरल देना बेहद जरूरी हो जाता है यह एंटीवायरल देने पर मरीज काफी अच्छा महसूस करने लगता है और इस वायरस के बढ़ने का खतरा भी कम हो जाता है और इसे उसी वक्त रोका जा सकता है। स्वाइन फ्लू के संक्रमण के फैलने का सबसे अधिक खतरा ठंड के दिनों में होता है पर गर्मियों के मौसम में इसका असर कम देखने को मिलता है। इसके अलावा बारिश के दिनों में भी इस संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है एक रिपोर्ट के मुताबिक बारिश के दिनों में यह फ्लू दो से तीन गुना अधिक तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे हालातों में सेहत का ख्याल रखना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। स्वाइन फ्लू आज से कुछ वर्ष पूर्व केवल जानवरों में पाया जाता था जैसे के सूअर किन्तु धीरे धीरे इसने मानव जाति को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया हर वर्ष हजारों की संख्या में इस घातक संक्रमण की वजय से लोगों की मौत हो जाती है 

सरकार के द्वारा भी इस संक्रमण को रोकने के लिए कई कदम उठाये गए ता जो इस वायरस को खत्म किया जा सके किन्तु ज्यादातर लोगों में जागरूकता की कमी की वजय से लोग अक्सर इस संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं, इसीलिए स्वाइन फ्लू को रोकने के लिए दवाओं से ज्यादा सावधानी रखने की ज्यादा जरूरत होती है कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है

कैसे होता है स्वाइन फ्लू : जैसे के वर्षा के दिनों में इस संक्रमण के बढने का खतरा सबसे अधिक हो जाता है इसीलिए वर्षा के दिनों में यदि आपको खांसी , बुखार जा फिर गले में खराश होने लगे और वह 2 से लेकर 3 दिनों तक ठीक न होने लगे तो आपको तुरंत स्वाइन फ्लू यानि के h1n1 का टेस्ट करवाना चाहिए, स्वाइन फ्लू उन लोगों को सबसे अधिक होता है जिन लोगों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है अर्थात जिनके शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बेहद कम होती है इसके इलावा पहले से बीमार चल रहे और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा होने का खतरा होता है और यदि घर में किसी मेम्बर को यह संक्रमण हो गया हो तो उस मरीज को हमेशा मास्क पहनना चाहिए और समय समय पर अपने हाथ हैण्डवाश से धोते रहना चाहिए ता जो घर के बाकी मेम्बरों को इस virus की चपेट में आने बचाया जा सके .

Friday, March 29, 2019

Few lines on Fish | 10 sentences on Fishes

Few lines on Fish | 10 sentences on Fishes


Few lines on Fish | 10 sentences on Fishes 

Few lines on Fish

मछलियां मीठे पानी के स्रोतों में बहुत मात्रा में पाई जाती है। समुंदर के आस-पास के क्षेत्रों में मच्छी पालन का धंधा प्रमुख स्रोत है वहां के लोगों का। समुंदर में बहुत सी ऐसी मछलियां भी है जो बड़ी ही खतरनाक और विशालकाय हैं जैसे व्हेल मछली।

मछली पालन : आज देशभर में मछली की काफी मांग है और दिनों दिन इसमें वृद्धि भी हो रही है मछली पालन का धंधा लोगों के लिए रोजगार भी उत्पन्न कर रहा है , दुनिया में मछलीपालन के उत्पादन में भारत दुसरे स्थान पर आता है।

मछलियों का संसार बहुत बड़ा है और रोचक भी इनकी कुछ प्रजातियां ऐसी भी है जिनके बारे में वैज्ञानिकों को भी पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है। किंतु लगातार हो रही शिकार के कारण मछलियों की कुछ प्रजातियां खत्म होने की कगार पर पहुंच चुकी है कुछ प्रजातियां अलोप हो चुकी है 
जिस कारण आज हमें सख्त जरूरत है इन प्रजातियों को बचाने की इन्हें तभी बचाया जा सकता है यदि इनकी शिकार पर रोक लगाई जा सके हालांकि भारत सरकार द्वारा व्हेल मछली के शिकार पर रोक लगा दी गई है इनकी लगातार कम होती संख्या को देखते हुए सरकार ने इस कदम को उठाया ताकि इस प्राणी को विलुप्त होने से बचाया जा सके।

essay on whale in Hindi व्हेल मछली पर निबंध

essay on whale in Hindi व्हेल मछली पर निबंध


Essay on whale in Hindiव्हेल मछली पर निबंध



व्हेल मछली एक ऐसी मछली है जो समुद्र में रहने वाली मछलियों में से सबसे बड़ी और भयानक मछलियों में से आती है। इस मछली की पायलट व्हेल , किलर व्हेल आदि बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती है इनमें से ब्लू बेल सबसे अधिक बड़ी और खतरनाक होती है इसकी लंबाई लगभग 115 फुट और वजन में डेढ़ सौ टन से भी ज्यादा तक होती है। व्हेल मछली समुंदर में करोड़ों वर्ष पहले से पाई जाती है इस मछली की चमड़ी काफी मोटी होती है जिसे बलवर के नाम से जाना जाता है जे ऊर्जा को जमा करती है और उसके शरीर की रक्षा करती है। व्हेल मछली की गर्दन बड़ी ही लचीली होती है जो पानी में तैरती समय गोल घूम सकती है। व्हेल मछली एक समय में एक ही बच्चे को जन्म देती है वह अपने बच्चे को दूध पिलाती है बच्चा लगभग 1 वर्ष तक अपनी मां के साथ रहता है और उसका दूध पीता है। अन्य प्राणियों की तरह व्हेल मछली भी आराम करती है किंतु जे मछली ज्यादा लंबे समय तक नहीं सोती इस मछली को सांस लेने के लिए हवा की आवश्यकता पड़ती है यह मछली जल में 30 मील प्रति घंटे की रफ्तार से आसानी से तैर सकती है इस मछली का खून गर्म होता है। व्हेल मछली छोटी छोटी मछलियों को खा कर अपना पेट भर्ती है।

समुंदर में रहने वाली लगभग सभी प्रकार की मछलियों का शिकार बड़े पैमाने पर किया जाता है क्योंकि इसकी चमड़ी और तेल से कई प्रकार की वस्तुएं तैयार की जाती है इसके अलावा मछली को भोजन में बड़े पैमाने पर खाया जाता है जिस कारण रोजाना की तरह समुंदर में रहने वाली मछलियों का शिकार किया जाता है इस वजय से ज्यादातर मछलियों की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी है समुंदर में रहने वाली सबसे बड़ी मछली व्हेल मछली का भी शिकार किया जाता है इस मछली का सबसे बड़ा दुश्मन मानव है। आज व्हेल मछलियों की संख्या दिन भर दिन घटती जा रही है हालांकि सरकार द्वारा व्हेल मछली के शिकार पर पाबंदी लगा दी गई है ता जो व्हेल मछली को विलुप्त होने से बचाया जा सके।

5 Lines on Rose in Hindi

5 Lines on Rose in Hindi


5 Lines on Rose in Hindi

5 sentences about Rose Flower in Hindi - गुलाब का फूल भला किसे अच्छा नहीं लगता जहां इस फूल को पूजा में स्थान प्राप्त है वही वह अपनी महक और सुंदरता की वजह से प्रणय (Love) संदेश का प्रतीक भी है। इन्ही खासियतों की वजह से इसे फूलों का राजा भी कहा जाता है। यह फूल प्रेम का प्रतीक भी समझा जाता है इसीलिए वैलेंटाइन डे के शुभ अवसर पर प्रेमी अपने प्रेमी को इस फूल को देकर अपने प्रेम का इजहार करते हैं। इस फूल के बारे में पुराणों में भी वर्णन किया गया है कि यदि घर में गुलाब का पौधा लगा लिया जाए तो ना सिर्फ घर में खुशबू और खूबसूरती बढ़ेगी बल्कि यह घर में सुख और प्रेम की भावना को भी बढ़ाता है।

5 Lines on Rose in Hindi for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10th students 


  1. गुलाब का फूल कई रंगों में पाया जाता है जैसे गुलाबी, सफेद, पीला एवं बैगनी 
  2. इसके फूल में कांटे उगे होते हैं 
  3. गुलाब को फूलों का राजा कहा जाता है 
  4. इसके फूल से हार एवं गुलदस्ते बनाये जाते हैं 
  5. गुलाब से गुलाबजल एवं इत्र भी बनाया जाता है 

10 Lines on Rose Flower in Hindi 
हम तो सिर्फ गुलाब को पूजा में इस्तेमाल करने और इसकी सुंदरता के बारे में ही जानते हैं किंतु गुलाब का पौधा ऐसा होता है जिसका इस्तेमाल कई प्रकार की औषधियां बनाने के लिए किया जाता है गुलाब की पंखुड़ियों से गुलाब जल बनता है जो रूप को निखारने और कई प्रकार के व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। इसलिए गुलाब का फूल बहुत सारे गुणों की खान है।

गुलाब से होने वाले फायदे - Benefits of rose flower

नींबू के रस में गुलाब का अर्क मिलाकर दाद पर लगाने से दाद पूरी तरह से ठीक हो जाती है।
खाना खाने के पश्चात गुलकंद खाने से हाजमा पूरी तरह ठीक हो जाता है।
मुंह के छालों को दूर करने के लिए सुबह सुबह गुलकंद का सेवन करने से काफी राहत मिलती है। गुलाब के फूल की पंखुड़ियां चबाने से मसूड़े और दांत मजबूत और स्वस्थ रहते हैं इसे मुंह की बदबू भी दूर हो जाती है।

गुलाब जल में सफेद चंदन का पाउडर और थोड़ा कपूर मिलाकर इसका मिश्रण माथे पर लगाने से सिर का दर्द ठीक होने लगता है।

गुलाब की पत्तियों को ग्लिसरीन में पीसकर इस के मिश्रण को होठों पर लगाना चाहिए इससे होंठ गुलाबी और चिकने हो जाते हैं। गुलाब में विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है इसलिए इस मिश्रण का रोजाना सेवन करने से हड्डियां मजबूत बनती है।

गुलाब का फूल देखने में बड़ा ही सुंदर और आकर्षक लगता है और इसकी खुशबू भी बड़ी ही मनमोहक होती है जो हर किसी का दिल मोह लेती है। 

गुलाब का फूल केवल एक फूल ही नहीं है यह तो एक उम्दा प्रकार की दवाई भी है। हम में से बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो गुलाब को सिर्फ एक फूल मानते हैं गुलाब एक फूल ना होकर एक औषधि भी है। जिसका प्रयोग कई प्रकार की घातक बीमारियों को दूर करने के लिए दबा बनाने में किया जाता है।


लाल रंग के गुलाब में कई प्रकार के औषधि गुण मौजूद होते हैं इसलिए लाल रंग के गुलाब का सेवन और इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। 

प्राचीन समय की रानियां - महारानियां गुलाब जल से नहाया करती थी जिससे वह ज्यादा सुंदर लगती थी।

गुलाब का पौधा एक कंटीला झाड़ीदार पैदा होता है 
जिस पर सुंदर सुंदर गुलाब के फूल लगते हैं। 

यह भारत के सुंदर फूलों में से एक है। भारत में बड़े पैमाने पर गुलाब की खेती की जाती है क्योंकि भारत में इस फूल की काफी मांग है 

भारत में इसे फूलों की माला मंदिरों में पूजा के लिए आदि कई कार्यो में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा गुलाब से कई प्रकार की वस्तुएं और व्यंजन तैयार किए जाते हैं इसकी पंखुड़ी से गुलाब जल और गूंद तैयार की जाती है जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है।

विटामिन से भरपूर - गुलाब के फूल में विटामिन ए , सी , डी और ई भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं इसलिए इसका इस्तेमाल डायरिया का इलाज के लिए भी किया जाता है। वजन घटाने के मामले में भी गुलाब काफी कारगर सिद्ध होता है इसके लिए लगभग 15 से 20 गुलाब की पंखुड़ियों को साफ कर लें और इन्हें एक गिलास पानी में डालकर उबालें इसे तब तक उबालें जब तक का इसके पानी का रंग भूरा या फिर गुलाबी ना होने लगे इसके पश्चात इसमें एक चुटकी इलायची पाउडर और स्वाद अनुसार शहद मिला दे अब इसे छावनी से छानकर इसे चाय की तरह दिन में कम से कम 2 बार पिएं इस मिश्रण के सेवन से ना केवल आप का वजन घटेगा बल्कि इस के इस्तेमाल से शरीर में होने वाली थकावट और तनाव से राहत मिलेगी। इस प्रकार से गुलाब आपका वजन घटाने में भी भरपूर मदद करते हैं।

गुलकंद गुलाब के फूल की पत्तियों से बनाया जाता है जिसे गुलाब जैम भी कहा जाता है। जिसे खाने से शरीर की गर्मी दूर होती है। गुलकंद का इस्तेमाल दिमाग को तेज करता है। जिन लोगों को अक्सर हथेली और अपने पैरों में जलन की परेशानी है वह गुलकंद को रोजाना इस्तेमाल करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते है।

गुलाब की पंखुड़ी के फायदे - गुलाब को ऐसे ही नहीं फूलों का राजा कहा जाता यह फूल खूबसूरत होने के साथ-साथ कई गुणों से भरपूर है। जिस के इस्तेमाल से हमारे शरीर को बहुत सारे फायदे पहुंचते हैं। अक्सर आपने लोगों को गुलाब जल का प्रयोग करते हुए देखा होगा जिसके काफी फायदे होते हैं।
गुलाब जल एक ऐसा तरल पदार्थ है जिसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता इसीलिए हमारी त्वचा को स्वस्थ रखता है। इसमें प्रोटीन भी काफी उचित मात्रा में मिलता है जो हमारी त्वचा को सही पोषण प्रदान करता है।

गुलाब शरबत के फायदे - यदि आपके चेहरे पर बहुत अधिक बाल हैं तो आप गुलाब की पंखुड़ियों को शहद में मिलाकर अपने चेहरे पर इस मिश्रण को लगाएं इससे आपके चेहरे पर चमक आ जाएगी। इसके अलावा गुलाब की पंखुड़ी और चीनी को भिगो लें और इस मिश्रण को अपने चेहरे पर स्क्रब करें थोड़ी देर बाद इसे धो लें। अखरोट और गुलाब की पत्तियों को पीस कर इसका मिश्रण तैयार कर लें और इस मिश्रण को पूरे चेहरे पर लगाएं कुछ दिनों तक इस मिश्रण का इस्तेमाल करने से आपके चेहरे पर चमक आनी शुरू हो जाएगी। यदि आपकी आंखों के नीचे डार्क सर्कल की समस्या है तो आप गुलाब की पत्तियों को दूध में मिलाकर इस का मिश्रण तैयार कर ले कुछ दिनों तक इसका इस्तेमाल करने से आपकी आंखों के नीचे के काले धब्बे दूर होने शुरू हो जाएंगे। गुलाब और खीरा दोनों ही चेहरे के लिए काफी फायदेमंद होते हैं अगर इनका मिश्रण हो जाए तो यह चेहरे को ज्यादा फ्रेश और सुंदर बना देंगे। नींबू के रस में गुलाब की कुछ पत्तियां मिलाकर इसे पूरी तरह मसल लें और इसे अपने चेहरे पर पांच 10 मिनट तक लगाए रखें इससे आपके चेहरे पर ग्लो आ जाएगा। इसके अलावा गुलाब के फूलों के रस के सेवन से खून साफ होता है और इसके शरबत का सेवन करने से दिमाग को शीतलता और शक्ति मिलती है।

प्रेरणादायक फूल - कांटों में भी खिलकर यह फूल हमेशा मुस्कुराता रहता है यह हमें जीने की कला सिखाता है। गुलाब का फूल एक ऐसा फूल है जो सिर्फ फूल ना होकर एक प्रेरणादायक फूल भी है जो लोगों को दुख सहकर भी हमेशा खुश रहने की प्रेरणा देता है। भारत वेलेंटाइन के दिनों में रोज डे मनाया जाता है जिसके जरिए यह भावनाओं के इजहार करने में भी मदद करता है कांटो के बीच रहकर यह फूल सबको महका देता है इसीलिए मनुष्य को भी गुलाब की तरह ही सदैव खुश रहना चाहिए जिस प्रकार से गुलाब का फूल और कांटो में भी रहकर मुस्कुराता रहता है इसीलिए यह हमें प्रेरणा देता है कि हमें विपरीत परिस्थितियों में कभी भी घबराना नहीं चाहिए सदैव अपनी मुस्कुराहट के साथ आगे बढ़ता रहना चाहिए। यदि आपको भी फूलों की तरह खेलते और महकते रहना है तो आपको कुछ मुश्किलों का सामना तो करना ही पड़ेगा बस आपको हताश या नाराज होने की वजह खुश रहकर आगे बढ़ते रहना होगा।

Rose plant - गुलाब का फूल एक ऐसा पुष्प है जिसका पूरी दुनिया में व्यायपार किया जाता है। गुलाब का पौधा उगाने के लिए खुली और हवादार जगह की जरूरत पड़ती है और इस फूल को उगाने के लिए धूप और पानी की भी जरूरत पड़ती है।

विशेषता - ऐसी भी मान्यता है कि गुलाब के फूल को भगवान के चरणों में अर्पित करने से वह जल्दी से खुश हो जाते हैं इसके अलावा इस फूल की सुगंध से हमारे घर का वातावरण भी महकता है जिससे मन को शांति भी मिलती है और पूरे दिन दिमाग में सकारात्मक विचार भी आने लगते हैं जब के नकारात्मक विचार दूर होने लगते हैं।